Khabarwala24 News Hapur: गैर इरादतन हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) न्यायालय ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है। न्यायधीश ने दोषी को दस साल कारावास और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। 12 वर्ष से अधिक समयावधि के बाद न्याय मिलने पर पीड़ित पक्ष को राहत मिली है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले नूर नौशाद इलाही ने 24 नवंबर 2010 को कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि रामपुर रोड पर उसका हड्डी पीसने का प्लांट है। उसके प्लांट पर बिहार के जिला बेतिया के थाना मझौलिया क्षेत्र के गांव भोगाडी का रहने वाला जहूर आलम पुत्र नूर आलत व सबदर इमाम पुत्र नूर आलम नौकरी करते थे।
24 नंवबर 2010 की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे उन्हें सूचना मिली की जहूर आलम व सबदर इमाम के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। इस दौरान सबदर इमाम ने जहूर आलम को धक्का दिया, तो वह प्लांट में लगे एक विद्युत मोटर पर गिर गया था। सिर में चोट लगने से जहूर आलम गंभीर रुप से घायल हो गया था। जिसके बाद पीड़ित ने मौके पर पहुंचकर जहूर आलम को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था जहां, चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद सबदर इमाम मौके से फरार हो गया था