Tuesday, April 1, 2025

2025 Maha Shivratri महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है महाशिवरात्रि, भोलेनाथ करते हैं विशेष कृपा, जानें चार पहर के पूजन का सही मुहूर्त

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Khabarwala 24 News New Delhi : 2025 Maha Shivratri महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। दरअसल, चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है तो महाशिवरात्रि के दिन जो लोग भगवान शिव का पूजन करते हैं। भगवान भोलेनाथ उन पर विशेष कृपा करते हैं।

साधक के कष्टों का निवारण, भाग्य में वृद्धि (2025 Maha Shivratri)

इस दिन महिलाएं जीवन में सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जिसका पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ और देवी पार्वती की पूजा करने से साधक के कष्टों का निवारण होता है और उसके भाग्य में भी वृद्धि के योग बनते है। इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा।

महाशिवरात्रि पर चार पहर का पूजन मुहूर्त (2025 Maha Shivratri)

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि में रात्रि के पूजन का विधान है इसलिए 26 फरवरी को रात में महादेव का पूजन किया जाएगा।

निशिथ काल का समय- 27 फरवरी को निशित काल रात 12 बजकर 09 मिनट से लेकर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

– प्रथम पहर पूजन का समय 26 फरवरी को शाम 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।

– दूसरा पहर के पूजन का समय 26 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी को अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

– तीसरे पहर के पूजन का समय 27 फरवरी को अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।

– चौथे पहर के पूजन का समय 27 फरवरी को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त (2025 Maha Shivratri)

महाशिवरात्रि के दिन महादेव का जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह 6 बजकर 47 बजे से सुबह 9 बजकर 42 बजे तक जल चढ़ाया जा सकता है। इसके बाद मध्यान्ह काल में भी सुबह 11 बजकर 06 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 बजे तक जल चढ़ाया जा सकता है फिर दोपहर 3 बजकर 25 बजे से शाम 6 बजकर 08 बजे तक भी जलाभिषेक किया जा सकता है और आखिरी मुहूर्त रात में 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा और रात 12 बजकर 01 बजे तक रहेगा।

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक (2025 Maha Shivratri)

महाशिवरात्रि के चारों पहर के पूजन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक होता है और उसके बाद हवन किया जाता है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान शंकर की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें। इसके पश्चात आठ लोटे केसर मिश्रित जल अर्पित करें। पूरी रात दीप प्रज्वलित रखें और चंदन का तिलक लगाएं।

“ऊं नमो भगवते रूद्राय” मंत्रों का जाप करें (2025 Maha Shivratri)

भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र एवं दक्षिणा अर्पित करें। अंत में केसर युक्त खीर का भोग लगाकर प्रसाद वितरित करें। इस पावन दिन पर “ऊं नमो भगवते रूद्राय”, “ऊं नमः शिवाय रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः” मंत्रों का जाप करें और शिव पुराण का पाठ अवश्य करें। महाशिवरात्रि की रात्रि में जागरण का भी विशेष महत्व है।

महाशिवरात्रि पर जरूर करें ये खास उपाय (2025 Maha Shivratri)

1. शिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी परेशानियां दूर होती हैं।

2. महाशिवरात्रि की रात्रि में शिव मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करें और शिवलिंग के पास देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है।

3. यदि आपके मंदिर में शिवलिंग नहीं है तो महाशिवरात्रि के दिन अपने घर पर छोटा सा शिवलिंग लाए और विधि-विधान से अभिषेक करके स्थापित करें। ऐसा करने से घर से दुख दरिद्रता दूर होती है।

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