Khabarwala 24 News New Delhi : 5 Most Beautiful Ghats गंगोत्री को गंगा का उद्गम माना गया है। गंगा का उद्गम दक्षिणी हिमालय में तिब्बत सीमा के भारतीय हिस्से से होता है। गोमुख से निकलकर गंगा कई धाराओं में विभक्ति हो हो जाती है जिसमें मंदाकिनी, भगीरथी, ऋषिगंगा, धौलीगंगा, गौरीगंगा और अलकनंदा नामक धारा प्रमुख है। आगे जाकर यह पुन: एक धारा में बहुते हुए हरिद्वार से मैदानी इलाके में बहने लगती है और इस बीच इसमें कई नदियां मिलती हैं जिसमें प्रमुख हैं- सरयू, यमुना, सोन, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी, घुघरी, महानंदा, हुगली, पद्मा, दामोदर, रूपनारायण, ब्रह्मपुत्र और अंत में मेघना। फिर यहां से निकलकर गंगा पश्चिम बंगाल के गंगासागर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। 2,300 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करती है। इस दौरान इसके हजारों घाटों को देखा जा सकता है। जानिए 5 ऐसे घाट जहां बैठकर आत्मामुग्ध हो जाएगी।
1. ऋषिकेश : साक्षात देवी और देवताओं का दर्शन | 5 Most Beautiful Ghats
ऋषिकेश में गंगा को देखना साक्षात देवी और देवताओं के एकसाथ दर्शन करना होता है। यहां की प्रकृति बिल्कुल शांत और निश्चल है। यहां पर सचमुच आध्यात्म की गंगा बहती है। मोक्षदायिनी गंगा के घाट पर बैठकर यहां की गंगा आरती देखना और सुनना आत्मा को देखना और सुनना होता है। इससे उपर देप्रयाग घाट भी बहुत ही शांतिमय है।
2. हरिद्वार : मन को सुकून देने वाला दृश्य होता है | 5 Most Beautiful Ghats
हरिद्वार में गंगा का आध्यातिमक स्वरूप कुछ अलग है। यह संसार के मुहाने पर खड़ी गंगा है। यहां धर्म, कर्मकांड, आध्यात्म के साथ ही संसार के दर्शन भी होते हैं। यह मन को सुकून देने वाला दृश्य होता है। यहां के घाट बहुत ही सुंदर और मनमोहक है।
3. बनारस : काशी विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन | 5 Most Beautiful Ghats
यहां पर गंगा के साथ काशी विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। कहते हैं शामे अवध सुबहे बनारस तो शबे मालवा। यानी बनारस की सुबह देखना बहुत ही सुकून भरा होता है। बनारस के किसी भी घाट पर बैठ जाओ आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। आपकी वहां से उठने की इच्छा नहीं होगी। बनारस को काशी और वाराणसी भी कहते हैं। शहर में 88 घाट हैं।
4. प्रयागराज : गंगा को निहारना भी सुकूनभरा | 5 Most Beautiful Ghats
संगम और त्रिवेणी वस्तुत: एक ही स्थान है जहां गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम होता है। प्रयागराज के घाटों पर बैठकर गंगा को निहारना बहुत ही सुकूनभरा है। महाभारत के एक प्रसंग में मार्कंडेय ऋषि धर्मराज युधिष्ठिर से कहते हैं कि राजन् प्रयाग तीर्थ सब पापों को नाश करने वाला है। जो भी व्यक्ति प्रयाग में एक महीना, इंद्रियों को वश में करके स्नान-ध्यान और कल्पवास करता है, उसके लिए स्वर्ग का स्थान सुरक्षित हो जाता है।
5. मुंगेर के घाट : सोझी, बबुआ व कष्टहरणी घाट | 5 Most Beautiful Ghats
मुंगेर में गंगा नदी किनारे स्थित तीन प्रमुख घाट सोझी, बबुआ और कष्टहरणी घाट को खास माना जाता है।