Khabarwala 24 News New Delhi : 6 Auspicious Coincidence Made ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत है और उस दिन बुधवार है। इस वजह से वह बुध प्रदोष व्रत है. जिस दिन वह होता है। उस दिन के साथ जुड़कर वह विशेष फल प्रदान करता है।
प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और बुध प्रदोष व्रत करने से भगवान भोलेनाथ आपकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। प्रदोष व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति के संकट दूर होते हैं। दुख, कष्ट और पाप का नाश होता है।
बुध प्रदोष व्रत 19 जून को रखें (6 Auspicious Coincidence Made)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 जून बुधवार को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ होगी। उसका समापन 20 जून गुरुवार को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत के लिए त्रयोदशी तिथि में आवश्यक प्रदोष काल 19 जून को प्राप्त हो रहा है, इसलिए बुध प्रदोष व्रत 19 जून बुधवार को रखा जाएगा।
शाम में ही होती है प्रदोष पूजा (6 Auspicious Coincidence Made)
शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है। इस बार बुध प्रदोष व्रत के दिन 6 शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इसमे भगवान शिव की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और उनकी कृपा प्राप्त होगी। बुध प्रदोष व्रत की पूजा में शिव जी की पूजा हमेशा शाम के समय ही करने का विधान है। सूर्यास्त के बाद से जब प्रदोष काल प्रारंभ होता है, उसमें विधि विधान से शिव पूजा करते हैं।
6 शुभ संयोग में है बुध प्रदोष व्रत (6 Auspicious Coincidence Made)
19 जून को बुध प्रदोष व्रत के दिन 6 शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। उस दिन सिद्ध योग, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग और कैलाश पर शिववास है। इनके अलावा विशाखा नक्षत्र प्रात:काल से शाम 5:23 बजे तक है, उसके बाद से अनुराधा नक्षत्र प्रारंभ है। बुध प्रदोष व्रत के दिन आपको शिवजी की पूजा के लिए 2 घंटे का शुभ मुहूर्त मिलेगा। वे शाम के समय 7 बजकर 22 मिनट से शिव पूजा कर सकते हैं। पूजा का मुहूर्त 7:22 पीएम से रात 09:22 पीएम तक है।
1. सिद्ध योग: प्रात:काल से लेकर 09:12 पीएम तक
2. साध्य योग: रात 09:12 पीएम से अगले दिन 08:13 पीएम तक
3. सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:23 पीएम से 20 जून को 05:24 एएम तक
4. रवि योग: शाम 05:23 बजे से 20 जून को सुबह 05:24 बजे तक
5. अमृत सिद्धि योग: शाम को 5 बजकर 23 मिनट से 20 जून को सुबह 5 बजकर 24 मिनट
6. शिववास: कैलाश पर सुबह 07:28 बजे तक, उसके बाद नंदी पर