Wednesday, March 5, 2025

रोहतक की अदालत में चल रहे एक मुकदमें में अब्दुल करीम टूंडा दस साल बाद हुआ बरी, पिलखुवा का रहने वाला है बम धमका का आरोपी टूंडा

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खबरवाला 24 न्यूज हापुड़: सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपित हापुड़ जनपद के पिलखुवा का रहने वाले कुख्यात अब्दुल करीम उर्फ टूंडा के खिलाफ रोहतक की एक अदालत में चल रहे मुकदमें में फैसला सुनाया गया है। जिसमें उसे बरी कर दिया गया है। टुंडा पर बम बनाने का प्रशिक्षण देना और धमाके की साजिश में शामिल रहने का आरोप भी है।

हरियाणा के रोहतक में वर्ष 1997 में किला रोड और पुरानी सब्जी मंडी इलाके में बम धमाके हुए थे। जिसमें करीब दस लोग घायल हो गए थे। इस मामले का मुकदमा रोहतक की एक कोर्ट में चल रहा था। जिसमें आरोपित टुंडा को 10 साल बाद बरी कर दिया गया।

मोेदीनगर में हुए डीटीसी बस विस्फोट में सामने आई थी मुख्य भूमिका

अब्दुल करीम टुंडी पर सीबीआई ने तीन लाख तथा दिल्ली पुलिस ने पचास हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इंटरपोल भी उसकी तलाश में थी। पुलिस रिकार्डों में सन 1991 से देश मेें हुए पचास से अधिक बम विस्फोटों में उसका हाथ है। 25 जनवरी 1991 में मोदीनगर(गाजियाबाद) में डीटीसी बस में हुए विस्फोट में भी उसकी प्रमुख भूमिका बताई गई थी जिसमें 11 लोगों की जान गई थी। गाजियाबाद जिले में आरडीएक्स से विस्फोट की यह पहली वारदात थी। । आरोप है कि दिसंबर 1993 के पहले हफ्ते में टुंडा ने राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में पांच बम ब्लास्ट कराए थे । जिनमें दो लोगों की मौत हो गई थी तथा 22 लोग घायल हुए थे । 30 जनवरी 1993 को दिल्ली के ओडियन सिनेमा घर में हुए बम विस्फोट में भी टुंडा का हाथ बताया गया था । 11 दिसंबर 1996 से 9 जनवरी के बीच दिल्ली, गाजियाबाद, सोनीपत ,पानीपत, जालंधर, अंबाला, लुधियाना व भटिंंड़ा समेत 19 स्थानों पर बम विस्फोट कराकर अब्दुल करीम टुंडा पर 21 लोगों की जान लेने का आरोप था।

विदेशी का अपहरण कर 11 दिन तक बंधक रखा

अमेरिकी नागरिक के अपहरण में भी टुंडा के शामिल रहने का आरोप है। 20 अक्टूबर 1998 को कनाट प्लेस स्थित अजय गेस्ट हाउस से अमेरिकी नागरिक बेला जासेफ नुश का अपहरण कर उसे पिलखुवा से मात्र दस किलोमीटर दूर स्थित कसबा मसूरी के एक घर पर 11 दिनों तक रखा गया था । ब्रिटिश नागरिक आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को भी नुश के साथ रखा गया था जिसे विमान अपहरण कांड में यात्रियों के बदले रिहा किया गया था । 31 अक्टूबर 1998 में मसूरी पुलिस ने छापा मारा तो नुश बरामद हुआ । मौके पर सादी वर्दी में तैनात गाजियाबाद पुलिस ने कुछ देर बाद कार से वहां पहुंचे आतंकवादी अहमद उमर सईद को गिरफ्तार कर लिया था । गिरफ्तार उमर सईद ने तब पूछताछ में पुलिस को बताया था कि सहारनपुर हयात कालोनी में अन्य विदेशी अपर्हताओं को रखा गया है ।

बम से हाथ उड़ा तो बन गया टुंडा

अब्दुल करीम से टुंडा बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। बताया जाता है कि एक बार अब्दुल करीम अपने घर में ही बम बना रहा था। इस दौरान अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि अब्दुल करीम का आधा बायां हाथ उड़ गया। तब से उसे लोग टुंडा कहने लगे। बाद में वह आतंकी टुंडा के नाम से जाना जाने लगा। यह भी बताया जाता है कि इसी विकलांगता के आधार पर वर्षों तक रियायत पर भारतीय रेलों में सफर करता रहा।

दवा बनाने के साथ साथ बनाने लगा था बम :

पिलखुवा के रहने वाले टुंडा को पहले अब्दुल करीम के नाम से जाना जाता था। वह दवाई बनाकर दिया करता था। 1982 में जरीन से निकाह होने के बाद रोजगार की तलाश में वह मुंबई गया। दस साल बाद वह वापस पिलखुवा लौटा और अपना मकान पक्का कराया । बताया जाता है कि शराफत का नकाब लगाकर वह मकान में अंदरखाने बम बनाया करता था। चादर रंगाई में प्रयुक्त हाेने वाले कई विस्फोटक केमिकल के जरिए उसे बम बनाने के लिए सामग्री उपलब्ध करने में परेशानी नहीं होती थी।

टुंडा ने किए थे दो निकाह

अब्दुल करीम टुंडा ने दो निकाह किए। पहला निकाह पिलखुवा के ही लुहारान मोहल्ले में रहने वाली जरीना से हुआ था। दूसरा निकाह अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली मुमताज किया। दोनों पत्नियों से छह संतान है। इमरान, इरफान, मन्नान, मुरकान और पुत्री साजिदा, सीमा है। जरीना की बहन ताहिरा बताती हैं कि बार-बार पुलिस के आने के कारण दोनों पत्नियां बच्चाें के साथ पाकिस्तान चले गए थे। वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहे हैं।

टूंडा की हिस्ट्रीशीट

नंबर 9 बी

अब्दुल करीम उर्फ टुंडा

अब्दुल करीम उर्फ टुंडा

(जन्म तिथि 23.3.1942)

पुत्र अब्दुल लुहार निवासी अशोक नगर पिलखुवा

कद 5 फुट 4 इंच

मजबूत जिस्म, गेंहुआ रंग, छोटी आंखे

भाषा ज्ञान-हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और गुजराती

इनाम-तीन लाख रुपये (सीबीआई द्वारा घोषित)

अपराध- वर्ष 1993- ट्रेनों में ताबड़तोड़ सिलसिलेवार बम विस्फोट किए। पांच-छह दिसंबर 1993-राजधानी एक्सप्रेस,दिल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस,फ्लाईंग क्वीन एक्सप्रेस,सूरत-मुंबई एक्सप्रेस, दिल्ली जाने वाली एपी एक्सप्रेस आदि दर्जनभर ट्रेनों में बम विस्फोट किए। इनमें दो लोगों की मौत हुई। 22 लोग गंभीर घायल हुए। रेल का दो लाख 19 हजार रुपये का नुकसान हुआ।

मुकदमे

-264/68,452,324 थाना पिलखुवा

-20/54,380,आईपीसी की धारा थाना पिलखुवा

-7/75 धारा 25 एक्ट थाना पिलखुवा

-16/94 धारा 5/6 थाना पिलखुवा

-17/94 धारा 25 एक्ट थाना पिलखुवा

-18/94 धारा 25 एक्ट थाना पिलखुवा

-19/94 धारा 5 एएसपी एक्स(विस्फोटक अधिनियम)

-46/94 धारा 3/5/6 ड्रग अधिनियम,एक्स (विस्फोटक अधिनियम) मालवीय नगर दिल्ली

-6/94, 37/5/93(बी) जेपीआर वी/एस 120 बी आईपीएस302,436आईपीसी,345टाडा(9)एक्ट1907,4,४एक्स अजमेर राजस्थान,

-379/97 एच/एस,324/307,120बी आईपीसी 3,4,एक्स एक्ट सदर बाजार दिल्ली

-एसआई/97,वी/एस-323,324,307,120बी,3,4आआईपीसी एक्स एक्ट सदर बाजार दिल्ली

-260/97वी/एस 307,302,120बी,121, 121ए, आईपीसी3/6एक्स एक्ट150 रेलवे एक्ट जीआरपी थाना मुखर्जी नगर दिल्ली

-41/97वी/एस 302 आईपीसी मुखर्जी नगर

(कार्रवाई-28 अगस्त 1994 को सीबीआई ने पांच मामलों में चार्जशीट अजमेर की टाडा अदालत में दाखिल की। टुंडा पर टाडा लगी)

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