Khabarwala 24 News New Delhi : About Farming अगर आपको लगता है केसर उगाना सिर्फ एक्सपर्ट का काम ही है तो शायद आप गलत हैं। केसर का नाम सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है। कश्मीर है ना, लेकिन आज देश के किसान या बागवानी के जानकार घर के कमरे में भी केसर उगा रहे हैं।
इस बात को सच्चा साबित कर रहे हैं पंजाब के दो भाई सोमिल गुंबर और रघु गुंबर। खास बात यह है कि किसान न होते हुए भी दाेनों यह काम बिना खेत के ही अपने घर के कमरे में उगा रहे हैं केसर। इतना ही नहीं आज उन्नत होकर यह दूसरों को भी एक्स्ट्रा आय का जरिया बनाना सीखा रहे हैं। आज दूर-दराज के लोग भी इनसे संपर्क करके केसर उगाने का तरीका सीख रहे हैं।
ये सब वे फुल टाइम नौकरी के साथ कर रहे (About Farming)
खास बात तो यह है कि ये सब वे अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ कर रहे हैं। श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले ये दो भाई किसान बनकर पिछले दो साल से अपने घर के एक कमरे में केसर उगा रहे हैं। दरअसल, इस काम की शुरुआत तब हुई, जब वे एक्स्ट्रा आय की तलाश में थे और कुछ ऐसा बिज़नेस करना चाहते थे जिसे वे अपने काम के साथ भी शुरू कर सकें।
भारत में केसर की डिमांड महज 30% ही (About Farming)
उन्होंने अलग-अलग तरह के साइड बिज़नेस के बारे में रिसर्च करना शुरू किया। तभी उन्हें पता चला कि भारत में केसर की डिमांड का महज 30% हिस्सा ही कश्मीर में उगता है और बाकी का 70% इंपोर्ट होता है। इस Gap को देखते हुए उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी से केसर के Indoor Cultivation का पता लगाया और अपने घर से ही शुरू कर दी केसर की खेती।
पंजाब के युवा को सीखा रहें केसर उगाना
इस काम के लिए उन्होंने शुरुआत में ही करीबन 5 लाख रुपये का निवेश करके केसर सीड, कोल्ड स्टोर, चीलर यूनिट, रैक्स और ट्रे के साथ एक सेटअप तैयार किया। हालाँकि जब वे अपना सेटअप तैयार कर रहे थे तब लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया और ताना भी मारा। लेकिन रघु और सोमिल को अपने काम पर पूरा भरोसा था उन्होंने दूसरों कि बात पर ध्यान नहीं दिया।
ट्रेनिंग के लिए संपर्क में दूरदराज के लोग
आज दो साल बाद उन्होंने सफलतापूर्वक केसर उगाकर सबको चौका दिया है। आज दूर-दूर से लोग उनसे केसर उगाने की ट्रेनिंग के लिए संपर्क करते हैं। इस तरह सोमिल गुंबर और रघु ने किसान बनकर केसर को अपनी Extra Income का जरिया तो बनाया ही है, साथ ही नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर जाने वालों को भी ट्रेनिंग देकर उनकी मदद भी कर रहे हैं।