Aditya L1 Mission Launch Khabarwala 24 News New Delhi : भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज शनिवार को सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपना आदित्य-एल1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। आदित्य एल1 मिशन चंद्रयान-3 मिशन के समान दृष्टिकोण अपनाएगा। यह सबसे पहले पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करेगा और वहां से, यह तेजी से आगे बढ़ेगा।
यह तब तक आगे जाएगा जब तक कि यह अंततः पृथ्वी और सूर्य के पहले लैग्रेंज बिंदु (एल 1) के आसपास अपनी अंतिम प्रभामंडल कक्षा के पथ पर नहीं आ जाता। आदित्य एल1 को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है
एेतिहासिक पल के लाखों लोग बने गवाह
भारत का पहला सूर्य मिशन, आदित्य एल-1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ। ISRO के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। इसरो के इस ऐतिहासिक पल का केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह भी गवाह बनेंगे। वह इसरो के वैज्ञानिकों के साथ वहां मौजूद हैं।
प्रतिदिन भेजेगा 1440 तस्वीरें
सूर्य के अध्ययन के लिए शनिवार को प्रक्षेपित किए गए भारत के पहले मिशन ‘आदित्य-एल1’ का प्राथमिक उपकरण ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) इच्छित कक्षा तक पहुंचने पर विश्लेषण के लिए जमीनी केंद्र को प्रतिदिन 1440 तस्वीरें भेजेगा। वीईएलसी उपकरण ‘आदित्य-एल1’ का “सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण” पेलोड है, जिसे बेंगलुरु के पास होसकोटे में भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) के क्रेस्ट (विज्ञान प्रौद्योगिकी अनुसंधान और शिक्षा केंद्र) परिसर में इसरो के सहयोग से एकीकृत किया गया था। इसका परीक्षण और क्रम निश्चित करने का कार्य भी इसी परिसर में किया गया।