Khabarwala 24 News New Delhi : Ajab Gajab प्रत्येक व्यक्ति पानी में दो से चार घंटे बिता सकता है। पानी में तैरती खूबसूरत नाव की सवारी हर कोई करना चाहता है लेकिन अगर किसी को हमेशा पानी में रहने को कहा जाए तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी। निश्चय ही हालत ख़राब हो जायेगी लेकिन चीन में एक पूरा गांव समुद्र के बीचों-बीच बसा हुआ है, वो भी तैरती हुई नाव पर। इन तैरते घरों की संख्या 2000 से भी ज्यादा है। दरअसल, चीन के फ़ुज़ियान प्रांत के निंगडे शहर में हजारों लोगों की एक बस्ती पानी में तैर रही है। हालाँकि, अब सरकार के प्रोत्साहन से इन लोगों ने समुद्र तट पर घर बनाना शुरू कर दिया है।
टांका बस्ती समुद्र तट पर एकमात्र बसा स्थान (Ajab Gajab)
टांका बस्ती समुद्र तट पर स्थित विश्व का एकमात्र बसा हुआ स्थान है। यह बस्ती कोई एक साल या दस साल पुरानी नहीं बल्कि 1300 साल से बसी हुई है। इस बस्ती में दो हजार से ज्यादा घर हैं, जिनमें करीब साढ़े आठ हजार लोग रहते हैं. इस गांव के लोग मछली पकड़ कर अपना जीवन यापन करते हैं. इस गांव के सभी लोगों का व्यवसाय मछली पकड़ना है। इन्हें टांके कहा जाता है। यहां के लोग समुद्र में मछली पकड़ने का काम करते हैं और उससे अपनी जीविका चलाते हैं।
‘जिप्सीज़ ऑन द सी’ नाम से जाना जाने लगा (Ajab Gajab)
कहा जाता है कि 700 ईस्वी में ये लोग शासकों के जुल्म से नाराज होकर यहां आकर बस गये थे. इन मछुआरों के पूर्वज 1300 साल पहले शासकों से परेशान होकर समुद्र में बस गए थे। तब से वह यहीं रह रहे हैं। आपको बता दें कि चीन पर 700 ईस्वी में तांग राजवंश का शासन था। टांका समूह के लोग वहां के शासकों के अत्याचार से त्रस्त थे। जैसे-जैसे उत्पीड़न बढ़ता गया, इन लोगों ने समुद्र में ही रहने का फैसला किया। इसके बाद ये लोग समुद्र में अपनी नाव पर घर बनाकर रहने लगे। तब से ये लोग समुद्र में रहते हैं। तब से इन्हें ‘जिप्सीज़ ऑन द सी’ के नाम से जाना जाने लगा। इस जाति के लोग कभी-कभार ही जमीन पर आते हैं।
सामुदायिक कार्यक्रम और बच्चे भी खेलते हैं (Ajab Gajab)
चीन में कम्युनिस्ट शासन आने के बाद ये लोग समुद्र तट पर आने लगे हैं. इससे पहले उनका जीवन पानी के बीच ही था. ये लोग तटीय लोगों के साथ विवाह भी नहीं करते थे। उनकी शादियाँ पानी में तैरती नावों में होती थीं। लेकिन ज्यादातर लोग अपने पारंपरिक तैरते घरों में रहना पसंद कर रहे हैं। आपको बता दें कि यहां रहने वाले लोगों ने पानी में तैरते हुए घर और लकड़ी के बड़े-बड़े प्लेटफार्म बनाए हैं। जहां उनके सामुदायिक कार्यक्रम होते हैं और बच्चे भी खेलते हैं।