Sunday, July 7, 2024

AtiQ Ahmad killing: AtiQ Ahmad अतीक अहमद ने कैसे रखा जायराम की दुनिया में रखा कदम, कैसे मारा गया, जानिए अपराध की दुनिया का बादशाह बनने से लेकर पतन तक की पूरी कहानी

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khabarwala24news Prayagraj AtiQ Ahmad: AtiQ Ahmad अतीक अहमद का जन्म वर्ष 1962 में एक सामान्य परिवार में हुआ था। अतीक के पिता तांगा चलाते थे। उसके जीवन और अंत की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। सूत्रों की माने तो अतीक को गरीबी से नफरत थी और हाईस्कूल की परीक्षा में असफल होने के बाद उसने अपने तरीके से गरीबी मिटाने के लिए पैसे कमाने की कोशिश की थी। शुरुआत में अतीक ट्रेनों से कोयला चुराकर बेचता था और उससे पैसा कमाता था। कई बार तो रेलवे स्क्रैप के लिए सरकारी आवेदन से ठेका हासिल करने के लिए ठेकेदारों को धमकायता था।

वर्ष 1979 में महज 17 साल के उम्र में AtiQ Ahmad अतीक पर इलाहाबाद (अब प्रयागराज Prayagraj) में हत्या का पहला आरोप लगा था। इसके बाद उसने जायराम की दुनिया में कदम रखा। वह UP यूपी में कई GANGSTER गैंगस्टरों का गिरोह चलाने लगा। रूतबा धीरे-धीरे फूलपुर और कौशाम्बी सहित आसपास के इलाकों में फैल गया। साल 1989 की बात है जब अतीक अहमद के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी शौकत इलाही को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया। इसके बाद AtiQ Ahmad अतीक अपराध की दुनिया का निर्विवाद बादशाह बन गया। आपको बता दें कि अतीक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और अपने पहले चुनाव में जीत दर्ज की थी।

AtiQ Ahmad अतीक का राजनीतिक सफर

अतीक अहमद जब 1989 में निर्दलीय सीट से विधायक बना तो इसका कद और बड़ा हो गया। इसके बाद उसने साल 1989 से 2002 तक लगातार पांच बार इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। अतीक ने पहली तीन जीत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हासिल की और फिर एक बार samajwadi party समाजवादी पार्टी से और एक बार Apna dal अपना दल के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। एक साल बाद तक अतीक अपना दल से जुड़ा रहा। उसके बाद दुबार अतीक अहमद समाजवादी पार्टी में वापस चला गया और वर्ष 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट जीती। हालांकि इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र को खाली करना पड़ा था जिसके बाद राजू पाल की हत्या की घटना के वारदात को जन्म हुआ था। आरोप है कि अतीक ने 24 फरवरी को उस घटना के एक मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या करा दी ।

AtiQ Ahmad अतीक का काल बनी राजू पाल की हत्या

उत्तर प्रदेश (UP)पुलिस ने अतीक को 2005 में राजू पाल की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि तीन साल बाद जमानत मिल गई। बताया जाता है कि अतीक चाहे जेल में रहा हो या बाहर उसने उत्तर प्रदेश के अपराध की दुनिया में अपना बोलबाला बनाए रखा और यह सुनिश्चित किया कि उसके लोगों की सुरक्षा हो। AtiQ Ahmad अतीक पर मदरसा के कुछ छात्राओं के सामूहिक बलात्कार में कथित रूप से शामिल अपने गिरोह के आदमियों को बचाने का आरोप लगाया गया था। इससे आक्रोश फैल गया और समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। यह उस समय की बात है जब बीएसपी सुप्रीमो मायावती यूपी के सत्ता में लौटीं थी। पुलिस ने अतीक और उसके भाई पर दबाव बनाया। अतीक ने 2008 में आत्मसमर्पण किया और फिर जेल चला गया।

और जब राजनीति में AtiQ Ahmad अतीक की पकड़ होने लगी ढीली

AtiQ Ahmad अतीक Partapgarh प्रतापगढ़ से अपना दल के उम्मीदवार के रूप में 2009 के संसदीय चुनाव भी हार गया था। चुनावी हार का मतलब यह नहीं था कि उसका दबदबा कम हो गया था। वर्ष 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब mayawati मायावती मुख्यमंत्री थीं, तो अतीक ने जेल से नामांकन पत्र दाखिल किया। उसने जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यहां आपको बता दें कि दस जजों ने उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया। हालांकि 11 वें जज ने उसके मामले को सुना और उसे जमानत दे दी। हालांकि वह Rajupal राजू पाल की पत्नी पूजा पाल से चुनाव हार गया।

2013 में जेल से हुआ रिहा

उत्तर प्रदेश में में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने के एक साल बाद 2013 में AtiQ Ahmad अतीक को रिहा कर दिया गया। उसने Samajwadi party समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में श्रावस्ती से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन फिर हार गया। अतीक चुनाव हारता चला गया लेकिन उसके गैंगस्टर वाले स्वरूप वैसे के वैसे ही थे। दिसंबर 2016 में अतीक और उसके सहयोगियों ने एक ईसाई अल्पसंख्यक संस्थान के कर्मचारियों पर हमला किया। उन्होंने दो छात्रों को नकल करते पकड़े जाने के बाद परीक्षा देने से रोक दिया था। ये सारे करतूत कैमरे में कैद हो गए थे।

Akhilesh Yadav अखिलेश यादव ने अपने पिता MULAYAM singh yadav मुलायम सिंह यादव से जब samajwadi party समाजवादी पार्टी की सत्ता संभाली , तो अतीक का समाजवादी पार्टी रिश्ता ढीला पड़ गया। अपराधी से नेता बने AtiQ Ahmad अतीक से अखिलेश दूर रहना चाहते थे। अतीक को गिरफ्तार नहीं करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यूपी पुलिस को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद अतीक की गिरफ्तारी हुई और तब से अतीक जेल में था। मार्च 2017 में. जब Yogi Adityanath योगी आदित्यनाथ BJP भाजपा सरकार में यूपी के मुख्यमंत्री बने। तो उन्होंने ‘अपराधियों के साम्राज्य’ को ध्वस्त करने का वादा किया.

अतीक AtiQ Ahmad का जेल से भी रहा खौफ

अतीक AtiQ Ahmad को उसके गढ़ इलाहाबाद से राज्य की देवरिया जेल ले जाया गया। बताया जाता है कि देवरिया जेल में अतीक ने अपना साम्राज्य चलाया और एक व्यापारी मोहित जायसवाल का अपहरण कराकर जेल में बुलाया। उससे संपत्ति के कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और बेरहमी से पिटाई भी की। इसके बाद अतीक को बरेली जेल ले जाया गया लेकिन जेल अधीक्षक डर गए और उसे वहां नहीं रखना चाहते थे। अप्रैल 2019 में कड़ी सख्ती के बीच योगी सरकार ने अतीक को प्रयागराज की नैनी जेल में शिफ्ट कर दिया। इस समय तक सुप्रीम कोर्ट ने देवरिया जेल मामले में अपना फैसला सुना दिया और अतीक को गुजरात के साबरमती जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया।

कैसे शुरू हुए अतीक के बुरा दिन अतीक

अतीक अहमद AtiQ Ahmad के खिलाफ जबरन वसूली,अपहरण और हत्या सहित 100 से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज थे। Rajupal राजू पाल की हत्या के एक गवाह Umeshpal उमेश पाल के अपहरण में उसे पहली बार सजा पिछले महीने मिली थी। अतीक अहमद का अपराध और राजनीति के बीच गहरी पैठ रही है। हालांकि वो अपनी राजनीति से ज्यादा अपराध के लिए जाना जाता था। उसने अपने साम्राज्य को बचाने और विस्तार करने के लिए चतुराई से राजनीति का इस्तेमाल किया था। जेल में उसका रहना काफी लंबा हो रहा था। यही वजह है कि अतीक ने अपनी पत्नी शाइस्ता परवीन को बसपा में शामिल करा दिया। हालांकि यह उसका प्रयास सफल नहीं हो पाया। उमेश पाल की हत्या का आरोप लगने के बाद उसे आगामी मेयर चुनावों में टिकट से वंचित कर दिया गया था।

कैसे रखा अतीक के बेटे ने अपराध की दुनिया में कदम?

अतीक AtiQ Ahmad के बेटे भी पिता के नक्शेकदम पर चलने लगेय़ अतीक का सबसे बड़ा बेटा Umar उमर वर्तमान में वर्ष 2018 में LUCKNOW लखनऊ के एक व्यवसायी मोहित जायसवाल से जबरन वसूली, हमला करने और अपहरण करने के आरोप में जेल में बंद है। उमर ने पिछले साल अगस्त में सीबीआई के सामने आत्मसमर्पण किया था। वह इस समय लखनऊ की जेल में है। अतीक का दूसरा बेटा अभी भी जेल में है। उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसे हाल में ही जमानत मिली थी लेकिन उसके खिलाफ फिरौती का एक और मामला दर्ज है.। वह प्रयागराज के नैनी जेल में शहर के एक प्रापर्टी डीलर से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में बंद है।

तीसरे बेटे Asad असद को पिछले हफ्ते झांसी में पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार दिया गया था और अतीक के दो नाबालिग बेटे किशोर आश्रय गृह में बंद हैं। 15 अप्रैल की रात प्रयागराज मेडिकिल कॉलेज में तीन युवकों ने AtiQ Ahmad अतीक और उसके भाई Asraf अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि अतीक के बेटे असद के मारे जाने के 72 घंटे के भीतर ऐसा हो जाएगा। इसकी उसने उम्मीद नहीं की थी। अतीक का यहीं कहानी खत्म हो गई थी।

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