Khabarwala 24 News New Delhi : Atishi Kejriwal Chair Row दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को नई जिम्मेदारी संभाल ली है। मुख्यमंत्री दफ्तर में कार्यभार संभालते ही एक नई बहस भी छिड़ गई है। आतिशी ने CM वाली वह कुर्सी खाली रखी जिस पर अरविंद केजरीवाल बैठा करते थे।
नई सीएम ने बगल में एक ‘छोटी कुर्सी’ कुर्सी लगाई और ऐलान किया कि वह भरत की तरह ‘खड़ाऊं सरकार’ चलाने जा रही हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस पर जोरदार निशाना साधाते हुए संविधान का अपमान बताया है। इस बीच सर्वे में भी चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
क्या है जनता की राय (Atishi Kejriwal Chair Row)
जब आतिशी ने यह फैसला सुनाया कि वह ‘केजरीवाल की CM वाली कुर्सी’ पर नहीं बैठेंगी तो एक ऑनलाइन पोल की शुरुआत की। हमने लोगों से पूछा- क्या आतिशी का ‘CM की कुर्सी’ खाली रखना ठीक है? मंगलवार सुबह 8 बजे तक पोल में 4 हजार से अधिक लोग हिस्सा ले चुके थे। जवाब देने के लिए लोगों को ‘हां’ और ‘नहीं’ के दो विकल्प दिए गए थे। पोल के मुताबिक, 74 फीसदी लोगों ने माना कि आतिशी ने ठीक नहीं किया। वहीं, 26 फीसदी लोगों ने उनके इस कदम को सही बताया है।
आतिशी की दलील (Atishi Kejriwal Chair Row)
आतिशी ने कहा कि उन्होंने व्यथित मन से मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। जिस तरह भगवान राम के वनवास जाने पर 14 साल तक भरत ने खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला, उसी तरह वह भी अगले चार महीने तक दिल्ली का शासन चलाएंगी। आतिशी ने कहा कि इस दौरान केजरीवाल की कुर्सी खाली रहेगी और यह उनका इंतजार करती रहेगी। आम आदमी पार्टी की ओर से भी कहा था कि केजरीवाल की जगह जो भी सीएम बनेगा उसे चार महीने तक ‘भरत’ की भूमिका निभानी है।
भाजपा और कांग्रेस (Atishi Kejriwal Chair Row)
सीएम बनकर भी सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठने को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने आतिशी की आलोचना की है। दोनों ही दलों ने इसे संविधान का मजाक बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि आतिशी ऐसा करके केजरीवाल की चमचागिरी कर रही हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भगवान राम से अरविंद केजरीवाल की तुलना को महापाप बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है।