Hapur Khabarwala 24 News Hapur : मेरठ रोड स्थित श्री शांतिस्वरूप कृषि इण्टर कॉलेज में “भौतिकी मंच” के तत्वावधान में बच्चों के बीच “शारदीय विषुव दिवस” मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रभुदयाल जयन्त ने की।
कार्यक्रम संयोजक एवं भौतिकी प्रवक्ता डॉ अजय कुमार मित्तल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को खगोलीय जानकारी देकर उन्हें अंतरिक्ष के क्षेत्र में अध्ययन के लिए प्रेरित करना है।उन्होंने बताया कि वर्ष में 21 मार्च और 23 सितम्बर को विषुव दिवस पर दिन और रात बराबर 12-12 घंटे के होते हैं। उनके अनुसार आज से 22 दिसम्बर तक दिन छोटा और रात बड़ी होती जाएगी।
विषय विशेषज्ञ के रूप में अजय मित्तल ने बच्चों को पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य की स्थिति में वर्ष भर होने वाले परिवर्तन और उसके कारण सूर्य के अयनांश में परिवर्तन से मौसम में होने वाले परिवर्तन का कारण बताया। उन्होंने कॉलेज में स्थापित एनालिमा सूर्यघड़ी के माध्यम से बच्चों को चारों दिशाओं का ज्ञान, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्ञान, आकाश में ध्रुव तारे की स्थिति और ग्लोब के द्वारा पृथ्वी का अपने ध्रुव के परितःघूर्णन का रहस्य समझाया।
इस अवसर पर मंच संयोजक और खगोलविद् डॉ अजय मित्तल ने बच्चों को आकाश में 12 राशियों के रूप में स्थित तारामण्डलों की संरचना के बारे में बताते हुए सूर्य की स्थिति देखकर आकाश में उनकी स्थिति को पहचानना बताया। इसके लिए डॉ मित्तल ने बच्चों को एक स्काई-चार्ट भी दिया। उन्होंने सभी बच्चों से इन दिनों सुबह 5 बजे आकाश में दिख रहे सबसे आकर्षक ओरायन तारामण्डल तथा चमकीले तारों में सीरियस, कैपिला, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु तारों को और वृषभ के साथ मिथुन राशि को भी देखने और पहचानने के लिये प्रेरित किया।
डॉ अजय मित्तल ने बच्चों को बताया कि पृथ्वी के सापेक्ष सभी तारे घूमते हुए प्रतीत होते है लेकिन केवल ध्रुव तारा अपने स्थान पर लगभग स्थिर बना रहता है। उन्होंने उसकी पहचान का तरीक़ा बताते हुए उसके आधार पर सप्तर्षि और शर्मिष्ठा तारामण्डल पहचानने का तरीक़ा भी बताया।सभी बच्चे ऐसी अद्भुत खगोलीय जानकारी पाकर बहुत रोमांचित हुए।
कार्यक्रम में भौतिकी प्रवक्ता युगल किशोर शर्मा ने बच्चों को हापुड़ के अक्षांश, रेखांश और उसके आधार पर स्थानीय समय व भारतीय मानक समय के बारे में बताया और समय के महत्व के बारे में बताया। सभी ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन में चन्द्रमा पर भेजे गए रोवर प्रज्ञान के पुनः क्रियाशील होकर सकुशल कार्य करने के प्रति कामना की। कार्यक्रम में 100 से अधिक बच्चों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया।
डॉ मित्तल ने सभी बच्चों से अपना दृष्टिकोण वैज्ञानिक और विस्तृत बनाने का आह्वान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अंत में प्रधानाचार्य प्रभुदयाल जयन्त ने सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए इस तरह के रोचक और ज्ञानवर्धक आयोजन के लिए “भौतिकी मंच” का आभार प्रकट किया।