Khabarwala 24 News New Delhi : Ayodhya अखिल भारतीय इमाम संगठन (AIIO) के मुख्य इमाम उमेर अहमद इलियासी धर्म और आध्यात्मिकता के मुद्दे पर अच्छी पकड़ रखते हैं, जिसके कारण उन्हें डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसपी से भी सम्मानित किया जा चुका है। मंदिर के उद्घाटन पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा- ‘यह नया भारत है। मैं प्यार का पैगाम लेकर आया हूं। हमारी पूजा-अर्चना के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, मान्यताएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर हमारा सबसे बड़ा धर्म मानवता है। हम सबको मिलकर इंसानियत को बरकरार रखना चाहिए।’
क्यों अहम माने जाते हैं ये धर्मगुरु? (Ayodhya)
असल में, इमाम उमेर इलियासी को कई वैश्विक मंचों पर AIIO का प्रतिनिधित्व करते देखा गया है। बताया जाता है कि वो भारत के 21 करोड़ से ज्यादा मुसलमानों का मार्गदर्शन करते हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से सैकड़ों धर्मगुरु और संत पहुंचे। इस दौरान मुस्लिम धर्मगुरु इमाम उमेर VVIP लोगों के बीच बैठे दिखे।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कही बात (Ayodhya)
मुस्लिम धर्मगुरु ने आगे कहा- ‘आज का संदेश नफरत खत्म करने का है। आइए सभी शत्रुता और राजनीति से बाहर निकलें और अपने देश को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करें। हमें अपने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। हम एकीकृत भारत के बारे में सोचते हैं और हमें इस दिशा में काम करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि मोदी जी दुनिया भर में देश का नेतृत्व कर रहे हैं और हम सभी को देश को मजबूत बनाने में योगदान देना चाहिए।
PM मोदी ने अवसर पर क्या कहा? (Ayodhya)
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी ने कहा ये कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं, ये नए कालचक्र का उद्गम है। एक अदभुत आभा लेकर आया है ये दिन। पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। संबोधन के दौरान पीएम मोदी भावुक तो हुए ही लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जो लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लगा देंगे वो लोग भारत की पवित्रता को नहीं जान पाएं। रामलला मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के आपसी सद्भभाव और समन्वय का प्रतीक है।