Khabarwala 24 News New Delhi: Ayodhya Ram Mandir रामनवमी के मद्देनजर अयोध्या में रामलला का राममंदिर के कपाट 15 से 17 अप्रैल तक सुबह पांच बजे ही खोल दिए जाएंगे। रामलला के राग-भोग व आरती के समय में भी बदलाव किया जाएगा। बताया गया कि ट्रस्ट व प्रशासन से मंत्रणा के बाद यह निर्णय लिया गया है।
अभी रामलला को सुबह पांच बजे जगाया जाता है। रामनवमी के दिन उन्हें तड़के 3.30 बजे ही जगा दिया जाएगा। दिव्य औषधियों से युक्त चांदी के कलश से अभिषेक होगा। सुबह पांच बजे शृंगार आरती होगी, जो अभी 6.15 बजे होती है। जन्म की आरती दोपहर 12 बजे होगी। भोग आरती दोपहर 12.30 के बाद 12.50 बजे पर्दा हटाया जाएगा। संध्या आरती में शाम 6.15 बजे केवल 10 मिनट के लिए पर्दा लगाया जाएगा। शयन आरती का समय श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुसार तय होगा। 15 व 16 अप्रैल को भी दर्शन का यही समय रहने की संभावना है।
पीले वस्त्र में दर्शन देंगे रामलला (Ayodhya Ram Mandir)
रामनवमी के दिन रामलला सोने, चांदी व अन्य रत्नों से जड़ित पीले वस्त्र में दर्शन देंगे। यह खास वस्त्र दिल्ली के मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी तैयार कर रहे हैं। रामलला और उनकी उत्सव मूर्ति को सोने का मुकुट धारण कराया जाएगा। पांच क्विंटल प्रसाद का भोग लगेगा। इसमें पांच प्रकार की पंजीरी शामिल होगी।
सूर्य की किरणें करेंगी रामलला का सूर्य तिलक (Ayodhya Ram Mandir)
रामलला के सूर्य तिलक को लेकर पिछले आठ अप्रैल को किए गए सफल ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 17 अप्रैल को रामजन्मोत्सव के दिन ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक करेंगी।
मंदिर के गर्भगृह तक लाई जाएंगी सूर्य की किरणें (Ayodhya Ram Mandir)
प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह की गई है कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। इसमें सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया जाएगा। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि, शत प्रतिशत सूर्य तिलक रामलला की मूर्ति के माथे पर अभिषेक करेगा।
इस तरह तैयार हुआ पूरा मैकेनिज्म (Ayodhya Ram Mandir)
बताया गया कि सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को तैयार किया है। इसके डिजाइन को तैयार करने में टीम को पूरे दो साल लग गए थे। 2021 में राम मंदिर के डिजाइन पर काम शुरू हुआ था। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर साल राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ेंगी। इस निर्माण कार्य में सीबीआरआई के साथ सूर्य के पथ को लेकर तकनीकी मदद बेंगलूरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की भी ली गई है। बेंगलूरु की एक कंपनी ऑप्टिका ने लेंस और ब्रास ट्यूब का निर्माण किया है।