Badaun Khabarwala 24 News Badaun:यूपी के जनपद बदायूं में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां जमीनी विवाद के एक मामले में सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट ने राज्यपाल के नाम पर सम्मन जारी कर दिया। सम्मन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 18 अक्टूबर को एसडीएम कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। यह सम्मन जब राजभवन पहुंचा तो अफरा तफरी मच गई। राज्यपाल सचिवालय ने बदायूं के डीएम को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई। इसके साथ ही एसडीएम को चेतावनी देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
क्या है मामला (Badaun)
थाना सिविल लाइन क्षेत्र के ग्राम लोड़ा बहेड़ी निवासी चंद्रहास ने सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी व राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए वाद दायर किया। एसडीएम न्यायिक कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक आरोप है कि उसकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज कर ली। इसके बाद उसको लेखराज के नाम बेच दी। कुछ दिन बाद बहेड़ी के समीप उक्त जमीन का कुछ हिस्सा शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया था। उस संपत्ति के अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये मिले थे। जिसकी जानकारी होने के बाद कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के न्यायिक एसडीएम कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस मामले पर एसडीएम न्यायिक कोर्ट से लेखराज और राज्यपाल को कोर्ट में हाजिर होकर पक्ष रखने का राजस्व संहिता की धारा 144 का नोटिस जारी किया। इस नोटिस के मिलते ही राजभवन में अफरा तफरी मच गई। इसे बाद विशेष सचिव राज्यपाल बद्री नाथ सिंह द्वारा डीएम बदायूं को नोटिस जारी कर घोर आपत्ति दर्ज कराई गई साथ ही चेतावनी दी गयी है कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न की जाए। पत्र में लिखा गया है कि जारी नोटिस संविधान के अनुच्छेद 361 का घोर उल्लंघन बताया गया है।