Khabarwala 24 News New Delhi: badminton Shuttlecock बैडमिंटन गेम आप लोगों में से अधिकांश लोगों ने जरूर ही खेला होगा। कुछ लोगों ने बचपन में इस खेल को खेला है, कुछ लोग अच्छी एक्सरसाइज के लिए भी हर उम्र में हर दिन बैडमिंटन खेलते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बैडमिंटन के शटलकॉक में जो पंख लगे होते हैं, वो किस पक्षी के होते हैं। आज हम आपको बैडमिंटन के शटलकॉक के बारे में बताएंगे।
बैडमिंटन (badminton Shuttlecock)
badminton Shuttlecock सबसे पहले ये जानते हैं कि बैडमिंटन की शुरूआत सबसे पहले किस देश में हुई थी? बता दें कि बैडमिंटन की शुरुआत भारत में हुई थी। 1873 में पूना में इंग्लिश आर्मी ऑफिसर्स ने इस खेल को एक समारोह में खेला था। उस वक्त ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट के आदर में जलसा रखा गया था।
badminton Shuttlecock ड्यूक की कंट्री एस्टेट का नाम बैडमिंटन था और इसलिए इस नए खेल को बैडमिंटन नाम से पुकारा गया था। यह खेल इतना लोकप्रिय हो गया कि 1934 में ग्रेट ब्रिटेन में बैडमिंटन असोसिएशन बनाई गई थी। 1934 तक यह खेल अंतरराष्ट्रीय हो चुका था, अब इंटरनेशनल असोसिएशन में 100 से ज्यादा देश शामिल हैं।
बैडमिंटन की शटलकॉक (badminton Shuttlecock)
badminton Shuttlecock क्रिकेट में जैसे बॉल के बिना मैच का कोई महत्व नहीं होता है। ठीक वैसे ही बैडमिंटन की शटलकॉक के बिना मैच नहीं हो सकता है। ये दिखने में तो बहुत ही छोटी सी चीज लगती है, लेकिन इसे बनाने का प्रोसेस काफी पेचीदा है। क्योंकि अगर शटलकॉक को बनाते समय एक भी गलती हुई, तो इसका असर खेल पर पड़ता है।
badminton Shuttlecock इसीलिए कंपनी द्वारा इसे बनाने के बाद मशीन के जरिए टेस्टिंग भी की जाती है, जिससे यह पता चलता है कि शटलकॉक सही से ग्लाइड होगी या नहीं। इसे ट्रेडिशनली पंख से बनाया जाता था, लेकिन अब प्लास्टिक का उपयोग भी किया जाता है। हालांकि, स्टेट, नेशनल, इंटरनेशनल लेवल के खेलों के लिए हमेशा पंखों वाली शटलकॉक ही यूज होती है।
शटलकॉक का शेप सही होना जरूरी (badminton Shuttlecock)
किसी भी शटलकॉक का शेप सही होना जरूरी होता है। क्योंकि तभी ये ठीक से ग्लाइड कर पाएगी।इसलिए कोनिकल शेप को बनाने में बहुत ध्यान दिया जाता है। बैडमिंटन के लिए सबसे जरूरी शटलकॉक को शुरुआती समय से ही पक्षियों के पंखों से बनाया जाता है। अब सवाल ये है कि किस पक्षी का पंख इसमें इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि चीन में गूज फेदर्स का प्रयोग किया जाता है और भारत में व्हाइट डक के पंखों को इस्तेमाल किया जाता है।
badminton Shuttlecock एक छोटी सी बॉल के इर्द-गिर्द स्कर्ट जैसे 16 पंख लगाए जाते हैं, जिन्हें धागे और ग्लू की मदद से जोड़ा जाता है। ये पंख पक्षी के शरीर से नोचे जाते हैं। आपको सुनकर हैरानी होगी कि ये पंख पक्षियों के शरीर से नोचे जाते हैं, जितनी जरूरत होती है उससे ज्यादा पंख नोचे जाते हैं और उसके बाद इन्हें साफ किया जाता है। मेकिंग के दौरान जितने उपयोगी योग्य पंख होते हैं, उनसे शटलकॉक बनाई जाती है और जितने सही नहीं होते उन्हें फेंक दिया जाता है। आपको बता दें कि हमेशा ऐसे पंख इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनका वजन 1.7 ग्राम से 2.1 ग्राम के बीच होना चाहिए, ताकि शटलकॉक आसानी से उड़ सके।