Khabarwala 24 News New Delhi : Baghpat Lakshagrah यूपी की बागपत कोर्ट ने लाक्षागृह और मजार विवाद पर अपना फैसला सुना दिया है। यह फैसला हिंदू पक्ष में आया है। इसके अनुसार बरनावा स्थित 100 बीघा से ज्यादा जमीन का मालिकाना हक हिंदू पक्ष को मिला है। वहीं मुस्लिम पक्ष द्वारा इस जमीन को कब्रिस्तान और मजार बताया था। वहीं कोर्ट में पेश किए सबूतों के आधार पर बताया है कि यह महाभारत के समय का लाक्षागृह था, जो कभी हिंदुओं के लिए तीर्थस्थल जैसा था।
बढ़ाई गई इलाके की सुरक्षा (Baghpat Lakshagrah)
फैसला आने के बाद इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। देखने में पूरा इलाका छावनी में तब्दील हुआ लगता है। इस संवेदनशील मामले में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। लाक्षागृह परिसर में टेंट लगाकर सुरक्षाकर्मियों द्वारा गश्त की जा रही है। सीनियर अधिकारी पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
1970 में हुआ था केस शुरू (Baghpat Lakshagrah)
आपको बता दें कि पिछले 53 सालों से यानि कि 1970 से यह केस कोर्ट में चल रहा है। बीते दिन यानि कि 5 फरवरी को इस केस पर फैसला आया है। मुस्लिम पक्ष व हिंदू पक्ष के इसे लेकर अलग-अलग मत हैं। ASI की खुदाई में भी यहां से हजारों साल पुराने जो सबूत मिले हैं उनसे यह साबित होता है कि यह जगह हिंदू सभ्यता के ज्यादा करीब थी।
मुस्लिम पक्ष ने रखनी है बात (Baghpat Lakshagrah)
इस केस में हिंदू पक्ष के वकील रणवीर सिंह तोमर ने बताया कि अपने फैसले में कोर्ट ने कहा- यह कब्रिस्तान नहीं, बल्कि लाक्षागृह है और महाभारत काल का ही है. मौके पर जो प्राचीन चिन्ह मिले हैं, उससे साफ होता है कि ये कब्रिस्तान नहीं है। फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है। जिसके लिए वह जल्द ही अधिवक्ता के माध्यम से प्रक्रिया शुरू करेंगे।