Khabarwala 24 News New Delhi : Banner Printer Became Mastermind दिल्ली में एक बैनर छापने वाले ने फर्जी पेपर्स से 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार खड़ा कर दिया। जीहां आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मनोज मोंगा ने सैकड़ों लोगों के फर्जी वीजा तैयार करके दिए और उन्हें ठगा और अब 5 साल की लुका-छिपी के बाद एयरपोर्ट पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मनोज मोंगा दिल्ली के तिलक नगर में बैनर छापने का काम करता था। उसने फर्जी वीजा बनाने का काम अपने घर से ही शुरू किया। इसके लिए उसने फोटोशॉप और कोरल ड्रॉ जैसे सॉफ्टवेयर का सहारा लिया।
बैनर छापने वाला बन गया मास्टरमाइंड (Banner Printer Became Mastermind)
मनोज मोंगा ने कई अलग-अलग देशों के वीजा डॉक्युमेंट की एग्जैट सेम कॉपी और टेम्पलेट तैयार करके रखी थी। ग्राफिक डिजाइनर के कोर्स में उसने ऐसी महारत हासिल की थी कि कोई भी उसके द्वारा तैयार वीजा में फर्जीवाड़े की पहचान ही नहीं कर सकता है।
ऐसे खड़ा किया 100 करोड़ का कारोबार (Banner Printer Became Mastermind)
मनोज मोंगा की अगर निजी जिंदगी को देखा जाए, तो उसकी पत्नी एक टीचर है जबकि उसके दो बच्चों में से एक जर्मनी में पढ़ाई करता है जहां उसकी निजी जिंदगी बेहद सामान्य थी। वहीं घर में हर तरफ नकली कागजात और स्टाम्प इत्यादि हर वक्त रहते थे। वह हर महीने 20 से 30 लोगों के फर्जी वीजा डॉक्युमेंट तैयार करता था।
क्लाइंट की अर्जेंसी का फायदा उठाता था (Banner Printer Became Mastermind)
मनोज मोंगा के काम करने का एक तरीका था। वह क्लाइंट की अर्जेंसी का फायदा उठाकर वह उनसे पैसे बनाता था। बैनर के काम में जहां उसे 5,000 रुपए ही एक बैनर से मिलते थे, वहीं एक फर्जी वीजा के लिए उसे 1 लाख रुपए तक मिल जाते थे। इस तरह उसने अपना 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार खड़ा कर लिया।