Khabarwala 24 News New Delhi : Bengal Assembly Special Session बंगाल सरकार मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 पेश करेगी। महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की वारदात के मद्देनजर इसमें दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों में मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। इस विधेयक के तहत दुष्कर्म के मामलों की जांच 21 दिनों में पूरी करनी होगी। भाजपा ने घोषणा की है कि वह विधेयक का समर्थन करेगी। उधर, विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य कानून बना सकता है, लेकिन इसको राष्ट्रपति से मंजूरी आवश्यक है।
ममता सरकार ने बुलाया विशेष सत्र (Bengal Assembly Special Session)
महिला डॉक्टर से वारदात के खिलाफ हो रहे लगातार विरोध-प्रदर्शन के बीच ममता सरकार ने महिलाओं से दुष्कर्म और अन्य यौन अपराधों में कानून को सख्त करने और कठोर दंड देने के लिए यह विधेयक पारित कराने को विशेष सत्र बुलाया है। इसे सदन से पारित कराकर हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। मसौदा विधेयक में बीएनएस 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन करने का प्रस्ताव है।
टास्क फोर्स के गठन का भी प्रस्ताव (Bengal Assembly Special Session)
अपराजिता टास्क फोर्स के गठन का भी प्रस्ताव विधेयक में यौन अपराधों के लिए जांच और अभियोजन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव करने की बात है। जांच प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। जांच में तेजी लाने और पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए जिलास्तर पर अपराजिता टास्क फोर्स नामक एक विशेष कार्य बल के गठन का भी सुझाव है, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक करेंगे।
भाजपा विधायकों ने जताया शोक (Bengal Assembly Special Session)
बंगाल विधानसभा में सोमवार को एक अभूतपूर्व घटना में सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विपक्षी दल भाजपा के सभी विधायक सदन के अंदर कुछ देर बैठे रहे और महिला डाक्टर के प्रति शोक व्यक्त किया। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायको ने विरोध में विधानसभा परिसर में एलईडी कैंडल लेकर मौन जुलूस भी निकाला।
बंगाल विस इतिहास में पहली बार (Bengal Assembly Special Session)
बंगाल विधानसभा के इतिहास में संभवत: यह पहली बार था, जब कार्यवाही खत्म होने के बाद भी विपक्ष सदन के अंदर बैठा हुआ दिखा। यह अभूतपूर्व स्थिति तब पैदा हुई, जब विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन राज्य के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ शोक प्रस्ताव में महिला डॉक्टर का नाम शामिल करने की भाजपा की मांग को अस्वीकार कर दिया।