Khabarwala 24 News New Delhi : Big Decision Haryana Govt नायब सरकार ने प्रदेश के भ्रष्ट सरपंचों व पंचों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। हरियाणा सरकार पंचायती राज अधिनियम धारा 53 की उपधारा (5) में संशोधन करने जा रही है। इसके तहत कोई सरपंच या पंच के कार्यकाल में विकास कार्यों में अनियमितताएं मिलती हैं तो गड़बड़ी होने की तारीख से छह साल तक या फिर सरपंच के पद से हटने के दो साल तक, जो भी बाद में होगा, उस अवधि तक कार्रवाई की जा सकेगी।
मौजूदा प्रावधान में नहीं था (Big Decision Haryana Govt)
यानी किसी सरपंच के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में कोई घोटाला सामने आता है तो छह साल तक उससे नुकसान की भरपाई करवाई जा सकेगी। भले ही सरपंच पद से हटने के दो साल की अवधि बीत गई हो। जबकि मौजूदा प्रावधान में ऐसा नहीं था और भ्रष्ट सरपंच व पंच आसानी से बच कर निकल जाते थे।
वर्तमान में यह है प्रावधान (Big Decision Haryana Govt)
मौजूदा प्रावधान में सिर्फ यही अंतर है कि दोनों में जिसकी अवधि पहले खत्म होती थी, उसी समयावधि तक सरपंच को नोटिस भेजकर कार्रवाई की जा सकती थी। यदि गड़बड़ी सामने आई और जांच में दो से तीन साल लग गए तो उसे नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। यानी जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली नहीं की जा सकेगी।
अब यह ही होगा प्रावधान (Big Decision Haryana Govt)
कई बार तो शिकायतें सरपंचों के पद से हटने के बाद आती थी और यह भी देखा गया कि शिकायत आने के बाद सरपंच व पंच जानबूझ कर देरी करते थे या फिर जांच में सहयोग नहीं करते थे, ताकि कार्यकाल खत्म होने के बाद दो साल भी बीत जाए। ग्राम पंचायत की राशि या संपत्ति के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है।
नुकसान की भरपाई के लिए (Big Decision Haryana Govt)
प्रस्तावित प्रावधानों के तहत किसी भी मामले में नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस नुकसान होने से छह साल के भीतर जारी किया जाएगा। भले ही सरपंच पद से हटने के दो साल की अवधि बीत गई हो। हरियाणा सरकार बजट सत्र के दौरान इस संशोधन को पेश कर सकती है।
विस में संशोधन विधेयक पेश (Big Decision Haryana Govt)
हरियाणा सरकार अवैध निर्माण वाली शामलात देह भूमि को गांव के निवासियों को बेचने के लिए ग्राम पंचायतों पर लगाए गए बाजार दर पर बेचने की शर्त को खत्म करने के लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश करेगी।
बाजार मूल्य पर सेल शर्त हटेगी (Big Decision Haryana Govt)
विधानसभा ने बीते साल नवंबर में हरियाणा ग्राम साझा भूमि (विनियमन) अधिनियम में संशोधन किया था, जिससे शामलात भूमि पर 31 मार्च 2004 या उससे पहले तक 500 वर्ग गज के बने निर्माण को कब्जेधारियों को मालिकाना हक देने की मंजूरी दी थी। शर्त थी कि मालिकाना हक देते समय जमीन का रेट बाजार से कम नहीं होगा।
सरकार निर्धारित करेंगी कीमतें (Big Decision Haryana Govt)
अब सरकार ने महसूस किया कि प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में गांव की जमीनों के लिए बाजार दर निर्धारित करना मुश्किल होगा। ऐसे में ग्राम पंचायत को सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों पर ऐसी जमीन बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसलिए कानून में संशोधन लाया जा रहा है।