Khabarwala 24 News New Delhi : Birthday Special भारत को विदेश में सीरीज जिताने वाला कप्तान, कमजोरी को ताकत बनाने वाला कप्तान, विरोधी की आंख में आंख डालकर बात करने वाला कप्तान…मंसूर अली खान पटौदी; जिनके नाम ऐसी बेशुमार उपलब्धियां हैं, जो किसी भी क्रिकेटर का ख्वाब हो सकती हैं। जिन्हें उनके फैंस ने हमेशा टाइगर पटौदी कहकर बुलाया। नवाब खानदान के इस चिराग को दुनिया नवाब पटौदी जूनियर के नाम से भी बुलाती है। आज 5 जनवरी को उसी टाइगर कप्तान का जन्मदिन है। चाहे सबसे कम उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनना हो या विदेश में पहली सीरीज जिताना… मंसूर अली खान पटौदी जब उन्होंने पहली बार भारतीय टीम की कमान संभाली तब उनकी उम्र 21 साल 77 दिन थी। यह उस वक्त सबसे कम उम्र में कप्तानी का विश्व रिकॉर्ड था। नवाब पटौदी जूनियर का करियर कुल मिलाकर 46 टेस्ट मैच का रहा, जिनमें से 40 में तो उन्होंने कप्तानी की।
इंग्लैंड के लिए खेले पिता इफ्तिखार अली (Birthday Special)
क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि मंसूर अली खान पटौदी के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी भी अपने जमाने के मशहूर क्रिकेटर थे. इफ्तिखार अली खान पटौदी जब इंग्लैंड में पढ़ रहे थे, तब भारतीय क्रिकेट टीम नहीं बनी थी. उधर, इफ्तिखार अली को इंग्लैंड की टीम से बुलावा आ गया. इस तरह इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड के लिए खेलने लगे. उन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलते हुए शतक भी लगाया।
तो शायद ही प्रोफेशनल क्रिकेट खेल पाते (Birthday Special)
डेब्यू से महज छह महीने पहले यह मान लिया गया था कि मंसूर अली खान शायद ही प्रोफेशनल क्रिकेट खेल पाएं. दरअसल, 1961 में मंसूर अली खान पटौदी एक कार एक्सीडेंट का शिकार हो गए. उनकी आंखों में शीशे के टुकड़े घुस गए. उनकी एक आंख की रोशनी जाती रही. दूसरी आंख भी बड़ी मुश्किल से बचाई जा सकी. लेकिन सिर्फ यही मुश्किल नहीं थी. सर्जरी के बाद उन्हें दोहरी छवि दिखती थी।
फिर करियर में आया गजब का बदलाव (Birthday Special)
टाइगर पटौदी जिंदगी के इस बुरे पड़ाव को भी पार करने में कामयाब रहे और आश्यर्चजनक तौर पर ना सिर्फ नेट्स पर लौटे बल्कि भारतीय टीम में भी जगह बनाने में कामयाब रहे. इंग्लैंड में अपना पहला फर्स्टक्लास मैच खेलने वाले मंसूर अली खान पटौदी का देश के लिए खेलने का सपना दिसंबर 1961 में पूरा हुआ. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू टेस्ट खेला. डेब्यू के तीन महीने बाद ही उनके करियर में गजब का बदलाव आया और वे भारत के कप्तान बन गए।
कप्तानी में न्यूजीलैंड में सीरीज फतह की (Birthday Special)
बता दें कि मंसूरी अली खान पटौदी को अचानक कप्तान इसलिए बनाया गया था क्योंकि वेस्टइंडीज दौरे पर नियमित कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर को चोट लग गई थी. नवाब पटौदी को कप्तानी भले ही किस्मत से मिली हो, लेकिन उन्होंने इस मौके को यूं भुनाया कि इतिहास रच दिया. उन्होंने स्पिन चौकड़ी को अपना सबसे तगड़ा हथियार बनाया और न्यूजीलैंड में सीरीज फतह कर आए. इसके साथ ही मंसूर अली खान पटौदी ऐसे पहले कप्तान बन गए, जिसने भारत को विदेश में सीरीज जिताई।