Khabarwala 24 News New Delhi : BJP Govt Next Agenda भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में अपने कोर एजेंडे फिनिश कर चुकी है। राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 की समाप्ति, समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करना ये मुद्दे बीजेपी के कोर एजेंडे में शामिल थे। राम मंदिर का मिशन पूरा हो चुका है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किया जा चुका है। UCC की दिशा में बीजेपी शासित राज्य सरकारें किस्तों में कदम बढ़ा रही हैं। बीजेपी और संघ की परिभाषा में भारत एक ऐसी सांस्कृतिक ईकाई है। जहां समान विधान, समान पहचान का बोलबाला होना चाहिए।
बड़े और विवादास्पद मुद्दों पर कदम उठाए (BJP Govt Next Agenda)
बीजेपी सरकार ने पिछले दो कार्यकाल और तीसरे कार्यकाल के पहले 10 महीने में कई बड़े और विवादास्पद मुद्दों पर कदम उठाए हैं, जो इसके वैचारिक आधार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सोच से गहरे जुड़े हैं। संघ ऐसे भारत की कल्पना करती रही है जो उनकी नजर में सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीयता पर आधारित हो। राम मंदिर, 370 के साथ-साथ तीन तलाक को निरस्त करना और CAA को लागू करने का कानून संघ और सरकार की सोच का परिणाम है।
राजनीति को एक नए दर्शन की ओर मोड़ा (BJP Govt Next Agenda)
राम मंदिर, अनुच्छेद 370, तीन तलाक, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और ताजा ताजा वक्फ संशोधन जैसे कदमों ने न केवल बीजेपी के मूल समर्थकों को संतुष्ट किया, बल्कि देश की राजनीति को एक नए दर्शन की ओर मोड़ दिया। अब उनकी दिशा में मजबूत कदम उठाए जा चुके हैं, सवाल उठता है कि अगला कदम क्या होगा? क्या बीजेपी मथुरा-काशी, जनसंख्या नियंत्रण, जनसंख्या रजिस्टर जैसे मुद्दों पर काम करने जा रही है।
हिन्दू गौरव व सांस्कृतिक पुनर्जागरण पक्ष (BJP Govt Next Agenda)
अयोध्या में राम मंदिर का मिशन पूरा करके बीजेपी ने हिन्दू गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के पक्ष को स्थापित किया है। यह एक ऐसा मुद्दा था जो दशकों के संघर्ष और सांप्रदायिक तनाव के बाद साकार हुआ। अनुच्छेद 370 कश्मीर को भारत के साथ पूर्ण एकीकरण का प्रतीक था, जो बीजेपी के “एक राष्ट्र, एक संविधान” के विचार को मजबूत करता। जनसंघ नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने काफी पहले इस थ्योरी का प्रतिपादन किया था।
निजी कानून व मान्यता से ज्यादा प्रभावी (BJP Govt Next Agenda)
तीन तलाक और वक्फ ये कदम धर्मनिरपेक्षता के नए दायरे की ओर इशारा करते हैं, जहां राष्ट्रीय कानून निजी कानून और मान्यताओं से ज्यादा प्रभावी हैं। बीजेपी ने मुस्लिम समाज के लाए इन कानून को रिफॉर्म और महिलाओं-गरीबों को हक देने वाला कानून बताया है। वक्फ संशोधन बिल के लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसी पक्ष की ओर इशारा किया। अब संसद द्वारा पारित विधेयक पारदर्शिता के साथ अधिकारों की रक्षा में मददगार बनेगा।
गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए मदद (BJP Govt Next Agenda)
एक अन्य पोस्ट में मोदी ने कहा इसके साथ ही हम एक ऐसे युग में प्रवेश करेंगे, जो आज के समय के अनुरूप होने के साथ ही सामाजिक न्याय को लेकर प्रतिबद्ध होगा। तीन तलाक को निरस्त करने वाला बिल पास होने पर पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार ने तीन तलाक की कुप्रथा को समाप्त कर दिया है। करोड़ों मुस्लिम बहनों के हित में मजबूत कानून बनाया और परिवारों की रक्षा की। CAA के जरिये बीजेपी ने गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए मदद की पेशकश की।
मथुरा-काशी विवाद, संघ नहीं रोकेगा (BJP Govt Next Agenda)
बीजेपी के पिटारे में ऐसे कई मुद्दे हैं। जिनका राजनीतिक धार्मिक और सामाजिक असर है। मथुरा और वाराणसी का मुद्दा ऐसा ही है। संघ के बड़े नेता दत्तात्रेय होसबले ने हाल ही में अपने बयान से ऐसा संकेत भी दिया है लेकिन बीजेपी न्यायालय के जरिये इसका समाधान चाहती है। दत्तात्रेय होसबले ने हाल ही में कहा था कि मथुरा और वाराणसी को लेकर संघ का कोई प्लान नहीं है लेकिन अगर संघ कार्यकर्ता इस आंदोलन में शामिल होते हैं तो संघ उन्हें नहीं रोकेगा।
एक समान नागरिक कानून लागू करना (BJP Govt Next Agenda)
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) या एकसमान नागरिक संहिता का मतलब है कि भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक कानून लागू करना, चाहे उनका धर्म, जाति, लिंग या समुदाय कुछ भी हो। UCC का विचार संविधान के अनुच्छेद 44 से लिया गया है, जो राज्य को “नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करने का निर्देश देता है। उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद इसे दूसरे बीजेपी शासित राज्यों में लागू किया जा सकता है।
वैचारिक व राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा (BJP Govt Next Agenda)
यह निजी कानूनों (विवाह, तलाक, उत्तराधिकार) को एकसमान बनाएगा। गुजरात ने इस दिशा में कदम उठा दिया है। हालांकि विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रहा है। और इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बता रहा है। UCC का पूर्ण कार्यान्वयन बीजेपी के वैचारिक और राजनीतिक एजेंडे का एक बड़ा हिस्सा है। यह भारत को एकसमान कानूनी ढांचे की ओर ले जा सकता है, लेकिन इसके लिए व्यापक सहमति, संवेदनशीलता और संतुलन की जरूरत होगी।
भारत में NRC आधिकारिक रजिस्टर (BJP Govt Next Agenda)
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) भारत में एक आधिकारिक रजिस्टर है, जिसमें देश के वैध नागरिकों के नाम और उनकी पहचान से संबंधित जानकारी दर्ज की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें देश से बाहर करना है। असम भारत का एकमात्र राज्य है, जहां NRC लागू है। यह प्रक्रिया 2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई थी और 31 अगस्त 2019 को अंतिम NRC सूची प्रकाशित की गई थी।
अवैध प्रवास रोकने का जरिया NRC (BJP Govt Next Agenda)
गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर 2019 में संसद में कहा था कि पूरे देश में NRC लागू होगा। हालांकि इसके बाद सरकार ने इस पर स्पष्ट कदम नहीं उठाया। फरवरी 2020 में लोकसभा में सरकार ने लिखित जवाब दिया था कि “राष्ट्रीय स्तर पर NRC लागू करने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”बीजेपी और उसके समर्थक इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध प्रवास को रोकने का जरिया मानते हैं, जबकि विपक्षी दल धार्मिक भेदभाव और नागरिकों को परेशान करने वाला कदम बताते हैं।