Khabarwala 24 News Lucknow: BJP भाजपा को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शानदार जीत मिलने से अब उत्तर प्रदेश में भगवा खेमा उत्साहित है। इस तीन राज्यों में हुई शानदार जीत ने 2024 में होने वाले फाइनल के लिए यूपी सहित हिंदी पट्टी में पार्टी के लिए मजबूत पिच तैयार कर दी है। यह चुनावी नतीजे अब 2024 के लिए उत्तर प्रदेश सहित देश की सियासी दिशा तय करेंगे। तीनों राज्यों में चले मोदी मैजिक का असर मिशन-2024 में यूपी में भी तय माना जाने लगा है।
तीन राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद अब यूपी में भाजपा BJP का चुनावी अभियान और तेज होगा। सरकार से लेकर संगठन तक में जल्द इसका असर भी दिखेगा। दरअसल, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था। वैसे तो एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में चुनाव सीधे भाजपा BJP और कांग्रेस के बीच था, मगर एनडीए और इंडिया गठबंधन में दोनों दलों की स्थिति के लिए चुनावी नतीजे बेहद महत्वपूर्ण थे।
एनडीए की अगुवाई कर रही भाजपा के लिए यह चुनाव उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के सहयोगियों को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए खास थे। फिलवक्त यूपी में अपना दल (एस), निषाद पार्टी और सुभासपा एनडीए का हिस्सा हैं। एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जीत ने सहयोगियों को भी समझा दिया है कि देश में पीएम मोदी के साथ यूपी के योगी का मैजिक भी बरकरार है।
संगठन और सरकार दोनों में दिखेंगे बदलाव (BJP)
उत्तर प्रदेश में भाजपा BJP चुनावी तैयारियाों में अब पूरी शिद्दत से जुटेगी। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा भी जल्द पूरी हो सकती है। हालांकि दारा सिंह को हार के बाद मंत्री बनाने को लेकर पार्टी का एक वर्ग बहुत सहमत नहीं है। इसके अलावा प्रदेश भाजपा BJP को नया प्रभारी भी इसी माह मिल सकता है। क्योंकि कोई राष्ट्रीय पदाधिकारी ही प्रभारी बनता है और निवर्तमान प्रभारी राधामोहन सिंह अब टीम नड्डा का हिस्सा नहीं हैं। अब पार्टी अपने कार्यक्रम-अभियानों को भी गति देने में जुटेगी। इसमें ओबीसी वोट बैंक को साधने की कवायद के लिए किए जाने वाले सामाजिक सम्मेलन प्रमुख हैं। उसके अलावा प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने की मुहिम भी तेज होगी।
यूपी के सीएम योगी का कद और बढ़ा (BJP)
तीनों राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कद और बढ़ेगा। पांच राज्यों के चुनावों में योगी की लोकप्रियता का आलम साफ तौर पर देखने को मिला। चुनावी राज्यों के चेहरों को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही सर्वाधिक मांग रही। राजस्थान में स्थिति यह थी कि प्रत्याशियों ने 170 स्थानों पर सीएम योगी की सभाएं मांगी गई थीं। हालांकि इतनी सभाएं कर पाना संभव नहीं था। ठीक इसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना भी योगी की डिमांड तमाम प्रत्याशियों ने की थी। सीएम ने इन राज्यों में दर्जनों रैलियां कीं, जिनमें भारी भीड़ उमड़ी और योगी के साथ उनके बुलडोजर की भी गूंज रही।
उत्तर प्रदेश के भाजपाइयों (BJP)ने भी निभाई बड़ी भूमिका
भाजपा (BJP)को तीन राज्यों में मिली जीत में यूपी के भाजपाई दिग्गजों की भी बड़ी भूमिका रही। दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक के अलावा जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, जेपीएस राठौर, श्रम मंत्री अनिल राजभर, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री एमपी और राजस्थान में डेरा डाले रहे। राजस्थान में पार्टी संगठन की चुनावी रणनीति के मोर्चे पर प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला सहित संगठन के कई अन्य चेहरों ने जिम्मेदारी संभाली। प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी मध्यप्रदेश तो मनीष शुक्ला छत्तीसगढ़ में डटे रहे।