Khabarwala 24 News New Delhi: black magic capital of india भारत की कुछ जगहों के बारे में जानकर हर कोई स्तब्ध रह जाता है। इस जगहों के बारे में जानकर तो कई लोगों की रुह भी कांप जाती है, एक ऐसी ही एक गांव है मयोंग गांव। भले ही दुनिया में कई लोग टोने-टोटके, बलि और तंत्र-मंत्र को नहीं मानते, लेकिन इनके निशान आज भी मौजूद हैं। असम के गुवाहाटी में एक ऐसा ही गांव मोजूद है, जिसके बारे में सुनकर और जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे?
प्रेमी जोड़ों की बलि इस गांव में दी जाती थी (black magic capital of india)
दरअसल हम असम के गुवाहाटी में मौजूद मयोंग गांव की बात कर रहे हैं। इस गांव में दुनियाभर से लोग जादुई शक्तियां हासिल करने आते हैं। इस गांव का संबंध महाभारत के महाबलशाली योद्धा घटोत्कच से बताया जाता है। घटोत्कच को ही मयोंग का राजा माना जाता है।
आपको बता दें जादुई शक्तियों वाला ये गांव गुवाहाटी से 55 किमी की दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि पांडव पुत्र भीम और उनकी राक्षसी पत्नी हिडिंबा के पुत्र घटोत्कच मायोंग गांव में जादुई शक्तियां हासिल करने के बाद ही महाभारत के युद्ध में शामिल हुए थे। मान्यता है कि सदियों पहले तांत्रिक जादुई शक्तियां हासिल करने के लिए इसी गांव के एक मंदिर में प्रेमी जोड़ों की नरबलि दिया करते थे?
किसी देवता की नहीं है मूर्ति (black magic capital of india)
बताया जाता है कि गांव के इस मंदिर में किसी देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि सिर्फ पत्थर और कुछ औजार और हथियार पड़े हैं। मायोंग गांव में एक म्यूजियम भी बना हुआ है। जहां मायोंग की तंत्र विद्या और तांत्रिकों का इतिहास लिखा हुआ है। इस म्यूजियम में कैथी लिपी में हजारों साल पुराने तंत्रों की जानकारियां लिखी हुई हैं।
हालांकि इस गांव में बाहरी व्यक्तियों की एंट्री पर रोक लगी हुई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव की महिलाएं भी तंत्र विद्या करती हैं, एक समय तो ऐसा था जब इस गांव में सिर्फ औरतों का राज हुआ करता था, जिसे त्रिया राज कहा जाता है।
मायोंग की औरतें पुरुषों का ये हाल करती थीं (black magic capital of india)
दावा किया जाता है कि मायोंग की औरतें पुरुषों को मोहित करके उन्हें पक्षी, बंदर, लोमड़ी, तोता और कबूतर जैसे पक्षी तक में बदल देती थीं। ये दिनभर उन्हें इसी हाल में रखती थीं और रात में उन्हें फिर पुरुष बना देती थीं। इस अंधविश्वास का इतना असर था कि आज भी आसपास के पुरुष इस गांव में आने से कतराते हैं। वहीं आज भी मायोंग को तंत्रविद्या का ठिकाना माना जाता है।