Suraj tiwari Khabarwala24News Lucknow: यूपी के मैनपुरी निवासी दिव्यांग Suraj tiwari सूरज तिवारी ने यूपीएससी UPSC परीक्षा में अपना परचम लहरा दिया है। ट्रेन हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर और एक हाथ को गवां दिया था। इसके बावजूद सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी परीक्षा में 917 वीं रैंक हासिल कर ली। सूरज की इस कामयाबी पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) मुखिया अखिलेश यादव भी खुश हैं।
मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है।
सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएँ! pic.twitter.com/RqslbzgEq8
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2023
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर क्या कहा
सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, ‘मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है. सूरज की इस च्सूरजज् जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं.’
सूरज ने मिसाल पेश की
सूरज Suraj tiwari ने लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है कि हालात चाहे कितने भी मुश्किल क्यों न हो… लेकिन कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सूरज के दोनों पैर व एक हाथ नहीं है और दूसरे हाथ में केवल तीन उंगलियां है, लेकिन ये उसकी मेहनत और लगन ही थी जो आज सूरज ने ये मुकाम हासिल किया है।
18 से 20 घंटे की पढ़ाई
यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए सूरज Suraj tiwari ने 18 से 20 घंटे तक पढ़ाई करते की। सूरज ने ये सफलता बिना किसी कोचिंग व एक्स्ट्रा क्लासेज के हासिल की है। सूरज एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। इनके पिता राजेश तिवारी, टेलर मास्टर हैं और इनकी एक छोटी सी सिलाई की दुकान कुरावली में है, जिससे परिवार का खर्चा चलता है।
ट्रेन हादसे में गवां दिए थे दोनों पैर व एक हाथ
2017 में एक ट्रेन हादसे में सूरज Suraj tiwari ने अपने दोनों पैर व एक हाथ को गवां दिया था। 4 महीने तक सूरज का इलाज चला था। घर की माली हालत और खराब होने लगी और उसके कुछ समय बाद सूरज के एक भाई की भी मौत हो गई थी। इस घटना से पूरा परिवार दुखी था। लेकिन सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य पर एकाग्र होकर ये सफलता प्राप्त की।
सूरज के परिवार में कौन कौन हैं
सूरज तिवारी Suraj tiwari तीन भाई एक बहन थे जिनमें से बड़े भाई राहुल तिवारी की 25 मई 2017 को मृत्यु हो गई। छोटा भाई राघव तिवारी बीएससी कर रहा है छोटी बहन प्रिया बीटीसी कर रही है। मां आशा देवी ग्रहणी तथा पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं।
26 साल की उम्र में बन गए आईएएस
सूरज तिवारी Suraj tiwari ने जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फैलोशिप) उत्तीर्ण किया हैं। नेट रशियन लैंग्वेज ऑप्शनल के रूप में समाजशास्त्र चुना था। सूरज तिवारी साढे 26 साल की उम्र में ही आईएएस बन गए। सूरज तिवारी की जन्म तिथि 17 नवंबर 1996 है।