Khabarwala 24 News New Delhi : Budget Expectations लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकार के आखिरी और अंतरिम बजट में बड़े ऐलान कर सकती हैं। सरकार न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर खर्च बढ़ाने की तैयारी में है बल्कि ऐसी योजनाओं का ऐलान कर सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में एक फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी। ये बतौर वित्तमंत्री उनका लगातार छठा बजट होगा। साल 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में भी सरकार ने इसी वर्ग को लक्ष्य बनाते हुए बजट पेश किया था। वित्त मंत्री के बजट भाषण में पीएम मोदी की गारंटी का जिक्र भी प्रमुखता से किया जाएगा।
PM मोदी की गारंटी का जिक्र (Budget Expectations)
पीएम मोदी ने कई बार अपने भाषणों में देश के विकास की गारंटी दी है। ऐसे में वित्तमंत्री का बजट भाषण भी उसी लाइन पर रहने का अनुमान है। साथ ही सरकार के ऐलानों में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों समेत मतदाताओं के बड़े वर्ग को आकर्षित करने वाली योजनाएं पेश की जा सकती हैं।
कुछ न कुछ ऐलान भी संभव (Budget Expectations)
सरकार का लक्ष्य रहेगा कि वो लोगों के हाथ में खर्च करने के लिए रकम किस तरह से बढ़ा सके, ताकि आर्थिक चक्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिले। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ग में 70 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं। यही वजह है कि इस बार भी माना जा रहा है कि सरकार इनके लिए जरूर कुछ न कुछ ऐलान करेगी।
एक्सीडेंटल इंश्योरेंस स्कीम (Budget Expectations)
बजट में सरकार की तरफ से घर खरीदने पर टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है। वहीं पेट्रोल, डीजल से केंद्र सरकार के टैक्स का हिस्सा भी घटाए जाने के आसार हैं। यही नहीं, केंद्र सरकार जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों के लिए एक्सीडेंटल इंश्योरेंस स्कीम का ऐलान कर सकती है।
महिलाओं की हिस्सेदारी
इसके अलावा कुल कार्यबल में महिलाओं का हिस्सा और बढ़े, इसके लिए सरकार महिलाओं से जुड़े स्वयं सहायता समूह को आवंटित की जाने वाली राशि की रकम में भी इजाफा कर सकती है। इससे न केवल महिलाओं के रोजगार में इजाफा होगा बल्कि देश उत्पादन और उसके बाद निर्यात में भी फायदा पहुंचेगा।
ईवी को बढ़ावा देने के लिए
देश में प्रदूषण को घटाने के लक्ष्य से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार एक बार फिर से फेम योजना के तहत दी जाने वाली रकम का ऐलान कर सकती है। ये योजना इसी वित्तवर्ष में 31 मार्च को खत्म हो रही है।
सब्सिडी जैसे प्रावधान
कारोबरियों की तरफ से लंबे समय से बढ़ाने की मांग की जा रही है। लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले ऐलानों के साथ-साथ राम मंदिर और देश के दूसरे हिस्सों से जुड़े खास पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर केंद्र की तरफ से सब्सिडी जैसे प्रावधान किए जा सकते हैं।
टैक्स कलेक्शन में उछाल
मौजूदा वित्त वर्ष में आयकर और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में उछाल दिख रहा है। ऐसे में कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से लगभग एक लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डायरेक्ट टैक्सेज से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट लक्ष्य रखा था।
जीएसटी के मोर्चे पर आस
इस मद में 10 जनवरी, 2024 तक टैक्स कलेक्शन 14.70 लाख करोड़ रुपये हो चुका था, जो बजट अनुमान का करीब 80 फीसदी है। अभी वित्त वर्ष पूरा होने में दो महीने से अधिक का समय बाकी है। जीएसटी के मोर्चे पर केंद्रीय जीएसटी राजस्व 8.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग 10,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है।