Khabarwala 24 News New Delhi: Chaat देशभर में जब फास्ट फूड की बात होती है, तो सबसे पहले चाट, समोसाऔर गोलगप्पे का नाम सामने आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाट को चाट क्यों कहा जाता है। सवाल ये है कि चाट को तो चाटकर नहीं खाया जाता है। फिर चाट का नाम चाट क्यों है। चलिए आज हम आपको बताएंगे कि चाट का नाम चाट कैसे पड़ा है।
सबसे पहले ये डिश कहां पर बना (Chaat)
चाट का नाम जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि चाट कहां की डिश है। दरअसल चाट को लेकर इतिहासकारों के बीच कई किस्म के दावे मिलते हैं. उनमें से दो दावों को ज्यादा अहमियत दिया जाता है। पहला कि चाट को पहली बार उत्तर प्रदेश में बनाया गया था। वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक चाट को दिल्ली में बनाया गया था। हालांकि इन दोनों ही कहानियों के केंद्र में मुगल राजा शाहजहां हैं।
चाट का कैसे हुआ आविष्कार (Chaat)
कहा जाता है कि शाहजंहा के समय में हैजा का प्रकोप बढ़ गया था। ऐसे में शाहजांह के वैद्यों ने उन्हें एक घरेलू इलाज के बारे में बताया था। जिसके मुताबिक विशेष मसालों का इस्तेमाल किया जाए, जो बैक्टरिया को मारने में मदद करेंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश में सबसे पहले चाट बनाने की शुरुआत हुई थी। मसालों से बने इस डिश या कहें दवा को चाटकर खाया जाता था, जिस कारण इसका नाम चाट पड़ा था।
दिल्ली की चाट (Chaat)
इतिहास के मुताबिक जब मुगल राजा शाहजहां ने आगरा से निकलकर दिल्ली के किनारे शाहजहांनाबाद बसाया था। तब यमुना का एल्काइन पानी रास नहीं आया था।ऐसे में दिल्ली के वैद्य हाकिम अली की सलाह पर इमली, लाल मिर्च, धनिया और पुदीना जैसे मसालों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था। इस दौरान ही शाकाहरी लोगों के लिए चाट और मांसाहारी लोगों के लिए निहारी का इजाद किया गया था।
क्या है चाट के नाम का इतिहास? (Chaat)
अब सवाल ये है कि आखिर चाट का नाम चाट क्यों पड़ा था। एक रिपोर्ट के अनुसार चाट का नाम चाटने से आया है। दरअसल जिस तरीके से लोगों इसे चाट-चाट कर खाते थे, उस वजह से इसे चाट कहा गया था। हालांकि दूसरा दावा है कि इसके स्वाद की वजह से ये नाम दिया गया है। जैसे चाट का स्वाद अपने आप चटपटा था। इस वजह से इसे चाट कहा गया था।