Saturday, July 6, 2024

Chandrayaan-3 लखनऊ की ‘रॉकेट वुमन’ कर रही हैं चंद्रयान-3 मिशन को लीड , जानिए कौन हैं ऋतु….

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Chandrayaan-3 Khabarwala24 News Lucknow: भारत के लिए आज का दिन बहुत अहम साबित होने वाला है। पूरे विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं। आज भारत श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग करेगा। चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में कुल मिलाकर छह पेलोड्स जा रहे हैं। आपको बता दें कि सबसे खास बात ये है कि इस मिशन को फ्रंट से लीड कर रही हैं ‘रॉकेट वुमन’ नाम से मशहूर स्पेस साइंटिस्ट ऋतु करिधाल श्रीवास्तव। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं ऋतु करिधाल, जिन्हें इस अहम मिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग की ज़िम्मेदारी महिला वैज्ञानिक ऋतु करिधाल को सौंपी गई है। ऋतु करिधाल चंद्रयान 3 की मिशन डायरेक्टर के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगी। लखनऊ की रहने वाली ऋतु विज्ञान की दुनिया में भारतीय महिलाओं की बढ़ती धाक की मिसाल हैं। मंगलयान मिशन में अपनी कुशलता दिखा चुकीं ऋतु चन्द्रयान-3 के साथ कामयाबी की एक और उड़ान भरेंगी। ऋतु करिधाल श्रीवास्तव को ये जिम्मेदारी पहले के मिशन में उनकी भूमिका को देखते हुए दी गई है। ऋतु मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। लखनऊ की बेटी ऋतु उस समय चर्चा में आईं, जब चन्द्रयान-मिशन 2 में उन्होंने मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली थी।

Chandrayaan-3 लखनऊ की 'रॉकेट वुमन' कर रही हैं चंद्रयान-3 मिशन को लीड , जानिए कौन हैं ऋतु....
ऋतु को मिल चुका है यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड

ऋतु करिधाल ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से भौतिकी में एमएससी की है। विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि को देखते हुए ऋतु ने इसके बाद बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया। इसके बाद ऋतु ने ISRO में नौकरी की शुरुआत की। एयरोस्पेस में विशेषज्ञता हासिल करने वाली ऋतु का पूरा करियर उपलब्धियों से भरा रहा है। 2007 में ऋतु को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिल चुका है। अलग-अलग मिशन में उनकी भूमिका को लेकर देश के प्रमुख अंतरिक्ष विज्ञानियों में उनका नाम शामिल है। ऋतु को ‘रॉकेट वुमन’ भी कहा जाता है।

कई महत्वपूर्ण मिशन में अहम जिम्मेदारी निभा चुकी हैं ऋतु

ऋतु करिधाल मिशन मंगलायन और मिशन चन्द्रयान-2 में अहम भूमिका निभा चुकी हैं। बचपन से ही ऋतु करिधाल को अंतरिक्ष और स्पेस साइंस में रुचि थी। ऋतु को मिले पुरस्कारों की सूची भी उनकी उपलब्धियों की तरह ही लंबी है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, मार्स आर्बिट्रेटर मिशन के लिए इसरो टीम पुरस्कार, एएसआई टीम पुरस्कार, सोसाइटी ऑफ इंडियन एरोस्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रीज द्वारा एरोस्पेस महिला उपलब्धि पुरस्कार हासिल करने वाली ऋतु अपनी लगन और काम के प्रति जुनून के लिए अपने साथियों में जानी जाती हैं।

इस बार चंद्रयान में नहीं भेजा जा रहा ऑर्बिटर

चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है. इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेज रहे हैं। यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा। इसके बाद यह चंद्रमा के चारों तरफ 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा। इसे ऑर्बिटर इसलिए नहीं बुलाते क्योंकि यह चंद्रमा की स्टडी नहीं करेगा. इसका वजन 2145.01 किलोग्राम होगा, जिसमें 1696.39 किलोग्राम ईंधन होगा। यानी मॉड्यूल का असली वजन 448.62 किलोग्राम है।

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