Khabarwala 24 News Hapur : Chaudhary Charan Singh पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जयंती पर मेरठ हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल, जिला अध्यक्ष नरेश तोमर तथा विधायक सदर विजयपाल आढ़ती व गढ़ विधायक हरेंद्र तेवतिया उनकी जन्मस्थली ग्राम नूरपुर पहुंचे । जहां पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर नमन किया। इससे पहले तहसील चौपला स्थित प्रतिमा पर भी माल्यापर्ण किया।
ग्राम नूरपुर में हुआ था चौधरी साहब का जन्म (Chaudhary Charan Singh)
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की उनका जन्म एक साधारण परिवार मे हुआ था। स्वाधीनता के समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने बरेली कि जेल से दो डायरी रूपी किताब भी लिखी। स्वतन्त्रता के पश्चात् वह राम मनोहर लोहिया के ग्रामीण सुधार आन्दोलन में लग गए। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐसे फैसले किए जिससे भारत देश की गरीब जनता वह किसानों को बहुत लाभ हुए उन्होंने सदैव सरकारी कर्मचारियों को जनता के प्रति सही भावना व ईमानदारी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया काली मिट्टी के अनगढ़ और फूस के छप्पर वाली मढ़ैया में 23 दिसम्बर,1902 को एक महान व्यक्तित्व का जन्म हुआ।
स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़चढ़कर लिया भाग (Chaudhary Charan Singh)
चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था। चरण सिंह ने जीवन भर गांव-गरीब-किसान के शोषण के खिलाफ संघर्ष किया आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेकर 1928 में चौधरी चरण सिंह ने ईमानदारी, साफगोई और कर्तव्यनिष्ठा पूर्वक गाजियाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वकालत जैसे व्यावसायिक पेशे में भी चौधरी चरण सिंह उन्हीं मुकदमों को स्वीकार करते थे जिनमें मुवक्किल का पक्ष न्यायपूर्ण होता था। 1930 में महात्मा गांधी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के तहत् नमक कानून तोडने का आह्वान किया गया। महात्मा गाँधी ने ‘‘डांडी मार्च‘‘ किया। आजादी के दीवाने चरण सिंह ने गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिण्डन नदी पर नमक बनाया। परिणामस्वरूप चरण सिंह को 6 माह की सजा हुई। जेल से वापसी के बाद चरण सिंह ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतन्त्रता संग्राम में समर्पित कर दिया।
गुप्त क्रांतिकारी संगठन तैयार किया (Chaudhary Charan Singh)
उन्होंने कहा कि 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चरण सिंह गिरफतार हुए फिर अक्टूबर 1941 में मुक्त किये गये। सारे देश में इस समय असंतोष व्याप्त था। महात्मा गांधी ने करो या मरो का आह्वान किया। अंग्रेजों भारत छोड़ों की आवाज सारे भारत में गूंजने लगी। 9 अगस्त 1942 को अगस्त क्रांति के माहौल में युवक चौधरी चरण सिंह ने भूमिगत होकर गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मवाना, सरधना, बुलन्दशहर के गांवों में गुप्त क्रांतिकारी संगठन तैयार किया।
किसानों के हित में लगातार काम कर रहे पीएम मोदी (Chaudhary Charan Singh)
मेरठ कमिश्नरी में युवक चरण सिंह ने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर ब्रितानिया हुकूमत को बार-बार चुनौती दी। जेल में ही चौधरी चरण सिंह की लिखित पुस्तक ‘‘शिष्टाचार‘‘, भारतीय संस्कृति और समाज के शिष्टाचार के नियमों का एक बहुमूल्य दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि इतने महान व्यक्तित्व ने जिस ने सदैव देश की सेवा की गरीब जनता की सेवा की किसानों की सेवा की आज भी विपक्षी पार्टियों द्वारा उनको वह सम्मान नहीं मिला जो वास्तविकता में जिसके वह हकदार थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उचित रूप से उनके सपने को साकार करने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया जो निरंतर सदैव किसानों के हित के कार्य में लगे रहते हैं ।
यह रहे मौजूद (Chaudhary Charan Singh)
इस अवसर पर जिला महामंत्री श्यामेंद्र त्यागी, पुनीत गोयल, मोहन सिंह, राजीव सिरोही, ग्राम प्रधान नूरपुर राहुल चौधरी, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष डॉक्टर पायल गुप्ता, जिला महामंत्री संगीता मित्तल , मनोरमा रघुवंशी ,छवि दीक्षित, यशोदा शर्मा, रीना गर्ग जी ,रुचि विश्वकर्मा, शशि गोयल, अनिरुद्ध कस्तला, शैलेंद्र राणावत, जतिन साहनी, जय भगवान शर्मा समेत अनेक कार्यकर्ता रहे।