Khabarwala 24 News New Delhi : Chhaya Daan हिंदू मान्यताओं में कई जगहों पर शनि की शांति और निवारण के लिए छाया दान का उल्लेख मिलता है। सभी नवग्रहों में शनि बेहद प्रतापी और त्वरित न्याय देने वाले ग्रह माने जाते हैं। आखिर ये छाया दान होता क्या है और इसके करने से कैसे शनि ग्रह की शांति होती है। कई हिंदू शास्त्रों में छाया दान को शनि की शांति का बहुत ही सुंदर एवं रामबाण उपाय माना गया है लेकिन सवाल उठता है कि आखिर शनि का छाया दान किस प्रकार से कारगर एवं अचूक उपाय है। आज हम यहां इन्हीं बातों की चर्चा कर रहे हैं। काशी के ज्योतिषविदों की मान्यता है कि हर ग्रह की तरह शनि का मनुष्य के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
मनुष्य के कर्मों का फल देने वाले देव (Chhaya Daan)
दरअसल शनि मनुष्य के कर्मों का फल देने वाले देव माने जाते हैं। इस कारण से जिस भी जातक की कुंडली में शनि की वक्र दृष्टि होती है, उन्हें शनि के प्रकोप से भारी भय का खतरा रहता है। मान्यता है कि शनि बहुत जल्दी क्रोधित होने वाले देवता है।
कर्मो के अनुसार फौरन न्याय करते है (Chhaya Daan)
शनिदेव जातक के कर्मो के अनुसार फौरन न्याय करते है और उन्हें दण्डित कर सकते है, चाहे वे देवता हो या असुर, मनुष्य हो या कोई अन्य प्राणी। जातक के जीवन में शनि का प्रभाव अंधकारमयी, विद्याहीन, भावहीन, उत्साहहीन, नीच, निर्दयी और अभावग्रस्त माना जाता है।
कैसे करें छाया दान (Chhaya Daan)
जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव होता है। उन्हें शुभ फल की प्राप्ति जल्दी नहीं होती। कहा जाता है कि शनि अनिष्टकारक, अशुभ और दुःख के दाता हैं। जातक की कुंडली में शनि के प्रभाव से व्यवसाय में समस्या, नौकरी छूटने की समस्या, पदोन्नति में रूकावट या फिर जीवन संकट आ सकता है।
ॐ शं शनैश्चराय नमः (Chhaya Daan)
शनिवार को एक तांबे या फूल के पात्र में सरसों का तेल भरना चाहिए और उसमें सिक्के या रुपये) डालकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करते हुए सरसों के तेल में अपनी परछाई देखनी चाहिए। उसके बाद पात्र को जातक से दूर कर देना चाहिए और फिर तेल सहित पात्र का दान कर देना चाहिए।
क्यों और किसे करना चाहिए छाया दान (Chhaya Daan)
संबंधों में मनमुटाव या गृह क्लेश में (Chhaya Daan)
यदि परिवार में पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-भाई या भाई-बहन में सम्बन्ध मधुर न हो और संबंधों में निरंतर मर्यादा का छय हो रहा हो तो जातक को यह फौरन शनि का गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव को समझ लेना चाहिए। ऐसे विपरित समय में जातक को छाया दान करना चाहिए।
भयावह दुर्घटना में (Chhaya Daan)
यदि जातक की कुंडली में वाहन, जल या अग्निघात के लक्षण या संदेह लक्षित हों तो उस अवस्था में छाया दान महत्वपूर्ण माना जाता है। शनिवार के दिन पात्र में सरसों का तेल भरकर जातक को अपनी छाया देखकर पात्र सहित सरसों का तेल शनि मंदिर में दान करना चाहिए।
व्यापार हानि से उबरने के लिए (Chhaya Daan)
यदि जातक व्यापार करता हो और उसे लगातार व्यापार में हानि हो रही हो तो उस मुश्किल से उबरने के लिए जातक को शनिवार को छाया दान करना चाहिए। इस छाया दान में तेल सहित पात्र किसी गरीब को दान करना चाहिए।
जानलेवा बीमारी में (Chhaya Daan)
कभी-कभी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव प्राण घातक माना जाता है। ऐसे समय में जातक किसी गभीर बीमारी या शारीरिक पीड़ा में भी घिर सकता है। लम्बी बीमारी या पीड़ा से उबरने के लिए शनिवार को छाया दान करना चाहिए।