Chhoti Diwali Khabarwala 24 News New Delhi: दीपावली का सप्ताह धनतेरस से शुरू हो गया है। दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाई जाती है। छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस बार छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी 11 नवंबर यानी आज है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। छोटी दीपावली के दिन यमराज की पूजा की जाती है।
नरक चतुर्दशी को यम चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही इस पर्व को नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है। नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली पर शाम के वक्त घर में एक दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक के नाम से जाना जाता है। यमराज के लिए दीपक जलाने से अकाल मृत्यु टल जाती है।
क्या है छोटी दीपावली का शुभ मुहूर्त (Chhoti Diwali)
छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी इस बार 11 नवंबर यानी आज ही मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से होगी और चतुर्दशी तिथि का समापन 12 नवंबर को दिन में 2 बजकर 44 मिनट पर होगा। इस दिन अभ्यांग स्नान मुहूर्त 12 नवंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
क्या कहा जाता है छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी (Chhoti Diwali)
हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। नरकासुर के बंदी गृह में 16 हजार से ज्यादा महिलाएं कैद थीं, जिन्हें भगवान कृष्ण ने आजाद कराया था। तब से छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी के तौर पर मनाया जाता है।
क्या है छोटी दीपावली पूजन विधि (Chhoti Diwali)
नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली के दिन रूप चौदस का भी त्योहार मनाया जाता है। इस दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काली के पूजन का विधान है। नरक चतुर्दशी के दिन ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके पूजन करना चाहिए। पूजन मुहूर्त में एक चौकी पर पंचदेवों, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्यदेव की स्थापना करें। इसके बाद पंचदेवों का गंगा जल से स्नान करा कर, रोली या चंदन से तिलक करें।
उन्हें धूप, दीप और फूल चढ़ा कर उनके आवहन मंत्रों का जाप करें। सभी देवों को जनेऊ, कलावा, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करने चाहिए। इसके बाद सभी देवों के मंत्रों और स्तुति का पाठ करें। पूजन का अंत आरती करके करना चाहिए। पूजन के बाद इस दिन यम दीपक जलाने का विधान है। आटे से बना हुआ चौमुखा दीपक बना कर घर के बाहर चौखट पर जलाया जाता है। इसके साथ ही छोटी दीपावली पर प्रदोष काल में दीपक जलाने से घर से दुख-दरिद्रता दूर हो जाती है