Khabarwala 24 News New Delhi : Chinese Scientist Team क्या आप प्रकाश की गति बगैर ऊर्जा गंवाएं 10 हजार गुना कम कर सकते हैं। ऐसा हो सकता है और चाइनीज एकेडमी ऑफसाइंस और गुआगजी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह कमाल करते हुए दावा किया है कि इससे ऑप्टिकल संचार और कम्प्यूटिंग में क्रांतिकारी फायदा हो सकता है. बेशक यह छोटा सा सवाल अजीब सा लगेगा पर इसके मायने बड़े हैं। प्रकाश स्पेस में या वैक्यूम में 299792 किलोमीटर प्रति सेंकेंड की रफ्तार से चलता है फिर भी अगर कोई प्रकाश के रास्ते में इलेक्ट्रोमैग्नेटिरक फील्ड की बाधाएं डालते हैं। जैसे की सामान्य पादर्थ को डाल दें, तो प्रकाश की गति धीमी होना शुरू हो जाती है।
नई दिशा देने का काम किया है (Chinese Scientist Team)
अधिकांश पारदर्शी पदार्थ प्रकाश की गति को बहुत ही कम धीमा कर पाते हैं और गति में बदलाव की ही वजह से प्रकाश का एक माध्यम से दूसरे माध्यम में मुड़ना हो पाता है पर प्रकाश की गति को खासा कम करने के लिए फोटोनिक क्रिस्टल या बहुत ही अधिक ठंडी क्वांटम गैसों की जरूरत होगी। नैनो लैटर्स में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लिखा है कि उन्हें लगता है कि काम ने नैनोफोटोनिक चिप्स में शक्तिशाली प्रकाश और पदार्थ के बीच अंतरक्रिया को नई दिशा देने का काम किया है।
इल्क्ट्रोमैग्नेटिकली इंड्यूस्ड ट्रांसपरेंसी (Chinese Scientist Team)
नई पद्धति इल्क्ट्रोमैग्नेटिकली इंड्यूस्ड ट्रांसपरेंसी (ईआईटी) पर आधारित है। इसमें लेजर के वैक्यूम में थोड़ी से गैस के इलेक्ट्रॉन से अंतरक्रिया करवाई गई जिससे वह अपारदर्शी से पारदर्शी हो गया यानी यहां लेजर का प्रकाश गुजर सकता है, लेकिन इसके साथ ही वह धीमा भी हो जाता है। भौतिकविदों और अन्य वैज्ञानिकों के लिए यह बहुत अहम उपलब्धि है क्योंकि इस पूरी प्रक्रिया में प्रकाश की गति धीमी होने के मतलब है कि बहुत सारी ऊर्जा भी खो रही है।
द्विआयामी संरचना कहीं नहीं मिलती (Chinese Scientist Team)
इस ऊर्जा को बचाने के लिए शोधकर्ताओं ने नए पदार्थ का उपयोग किया। मेटासर्फेस नाम का यह पदार्थ सिलिकॉन की पतली सिंथेटिक परतों से बना है और इसकी द्विआयामी संरचना प्रकृति में कहीं और नहीं मिलती है। अपने नतीजों पर शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रकाश की गति 10 हजार गुना ज्यादा धीमा किया जा सकता है। इससे प्रकाश की यात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। इसका फायदा आने वाले समय में ब्रॉडबैंड इंटरनेट से लेकर क्वांटम कम्प्यूटिंग तक में देखने को मिल सकता है।