Khabarwala 24 News Lucknow : सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बने कार्पस फंड को बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है। यह फंड अभी तक 200 करोड़ रुपये ही था। सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति मेरिट के आधार पर की जाएगी। वहीं प्रभावी पैरवी के लिए एक अतिरिक्त विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का पैनल बनाया जाएगा। इसके साथ ही जल्द 2500 नोटरी वकीलों की नियुक्ति की जाएगी।
नोटेरी प्रक्रिया तेजी के साथ आगे बढ़ाएं – CM Yogi
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बृहस्पतिवार को लोकभवन में न्याय विभाग की समीक्षा की और प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति एवं उनके प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण के लिए इसी वर्ष जनवरी में HTTP://UPNOMS.UP.GOV.IN ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च हुआ था। इसके माध्यम से नोटरी के नवसृजित 2500 पदों के लिए काफी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। मेरिट को आधार बनाते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ नोटरी अधिवक्ताओं की नियुक्ति की कार्रवाई को तेजी के साथ आगे बढ़ाएं।
सरकारी विभागों के लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण आवश्यक
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में सरकारी विभागों के लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण अति आवश्यक है। इससे विभागों के कार्य प्रभावित होते हैं। इसके दृष्टिगत शासकीय अधिवक्ताओं के अतिरिक्त विशेषज्ञ अधिवक्ताओं का पैनल बनाएं और न्यायालयों में प्रभावी पैरवी के लिए उन्हें नियुक्त करें। इन अधिवक्ताओं की एक फीस भी निर्धारित करें।
एकीकृत न्यायालय परिसर का किया जा रहा विकास , हापुड़ समेत दस जिले शामिल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए दस जिलों महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, औरैया, सोनभद्र, संभल और चित्रकूट में एकीकृत न्यायालय परिसरों का विकास किया जा रहा है। इनमें से जिन जनपदों में भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है, उनके भवन के निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ करें। साथ ही जिन जनपदों में अभी भूमि का अधिग्रहण नहीं हुआ है, वहां भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में तेजी लाएं।
आमजन को सस्ता, सरल, सुलभ और त्वरित न्याय प्राथमिकता
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए बने 200 करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड को बढ़ा कर 500 करोड़ किया जाए। यह फंड असामयिक मृत्यु होने वाले अधिवक्ताओं के परिजनों के लिए आर्थिक संबल बनेगा। उन्होंने कहा कि सभी न्यायालयों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था करें। साथ ही न्यायालयों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखें।
ई-कोर्ट की परिकल्पना को साकार करने के लिए न्यायालयों के डिजिटाइजेशन के कार्य में तेजी लाएं। सीएम ने कहा कि सुदृढ़ न्याय व्यवस्था सुशासन का आधार है। ग्राम न्यायालयों को प्रोत्साहित करें। आमजन को सस्ता, सरल, सुलभ और त्वरित न्याय तहसील स्तर पर ही मिले यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।