CM Yogi Khabarwala24 News Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शहरों के विकास पर 16470 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। नगर निकायों को इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को भेजना होगा। उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके यहां कितनी आबादी को पानी, सीवर, नाली की व्यवस्था के साथ सड़क की सुविधा मिल चुकी है और अभी कितने की जरूरत है। इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को भेजना होगा। जिसके बाद शासन से धनराशि जारी की जाएगी।
शासन को धनराशि के लिए भेजना होगा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में निकायों का गठन हाल ही में हुआ है। मेयर और अध्यक्ष बोर्ड की बैठकें कर रहे हैं। पहली बैठक से उनका पांच साल का कार्यकाल होगा। राज्य सरकार इसीलिए मेयर और अध्यक्षों को सदस्यों की सलाह पर काम कराने की सुविधा दे रही है। निकायों को प्रस्ताव इसके आधार पर बनाते हुए भेजना होगा। उन्हें बताना होगा कि इससे कितनी आबादी को फायदा होगा। इसके आधार पर उन्हें शासन को प्रस्ताव भेजने पर पैसा दिया जाएगा।
यह होंगे विकास कार्य
निकायों को राज्य और केंद्रीय योजनाओं से विकास कराने का पैसा दिया जाता है। केंद्रीय योजनाओं का तो पैसा अमूमन पहले से तय होता है, लेकिन राज्य वित्त आयोग का पैसा मिले बजट के आधार पर शासन स्तर से तय किया जाता है। राज्य वित्त आयोग से नवसृजित नगर पंचायतों में अवस्थापना सुविधाएं, उच्चीकृत, सीमा विस्तारित नगरीय निकायों में अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाएंगी। आकांक्षी नगर योजना, नगरीय पेयजल योजना, अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट योजना, नगरीय झील, तालाब, पोखर व संरक्षण योजना, शहरी अंत्येष्टि स्थल सुधार योजना और सड़क सुधार योजना से काम कराए जाएंगे।
नए शहरों को मिलेगा अधिक अधिक लाभ
वैसे तो शासन स्तर से नए शहरों यानी विस्तारित क्षेत्रों और नई निकायों के लिए 602 करोड़ रुपये राज्य और केंद्रीय वित्त आयोग से खर्च करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के साथ ही अन्य मदों में काम कराया जा सकता है। इसके लिए निकायों को बोर्ड और सदन से प्रस्ताव पास कराते हुए उपलब्ध कराना होगा। इसकी सहमति के बिना कोई भी काम नहीं कराया जा सकेगा।