Thursday, December 26, 2024

शीतगृह फुल: आलू से भरी ट्रालियों की लंबी कतार, किसान परेशान

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Khabarwala24NewsHapur जनपद में आलू की सरकारी खरीद शुरू न होने से आलू किसान परेशान हैं और शीतगृहों का दम निकल गया है। मौसम अनुकूल होने के चलते इस बार आलू का बंपर उत्पादन किसानों के लिए परेशानी का सबब बना है। अधिकांश शीतगृह फुल हो चुके हैं। अन्य फुल होने के कगार पर हैं। शीतगृहों में अभी भी आलू लदी ट्रालियों की लंबी कतार है। किसान गली-मोहल्लों में चार से पांच रुपये किलो आलू बेचने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकारी खरीद ही बेपटरी आलू को पटरी पर ला सकती है। आसपास के जनपदों से भी बड़ी संख्या में आलू शीतगृहों में रखने के लिए आ रहा है।

जनपद में 23 में से 18 शीतगृह आलू के लिए निर्धारित हैं। इनमें अधिकांश फुल हो चुके हैं। इक्का-दुक्का में जगह बची है। शुगर फ्री आलू के लिए शीतगृह में जगह नहीं बची है। जबकि, साधारण के लिए भी जगह बहुत कम रह गई है। जिले में गढ़, बुलंदशहर, मेरठ और मोदीनगर रोड पर शीतगृह हैं। गढ़, दिल्ली और मोदीनगर रोड स्थित शीतगृह लगभग फुल हो चुके हैं। इनमें 95 प्रतिशत आलू का भंडारण हो चुका हैं। जिला उद्यान अधिकारी डाक्टर हरित कुमार ने बताया कि क्षेत्र में 10 फीसदी आलू की फसल बची है, शीतगृहों में 10 से 15 फीसदी जगह अभी भी है। अधिकांश शीतगृह फुल हो चुके हैं। शीतगृहों के बाहर आलू लदी ट्रालियों की लाइन न लगे, इसके लिए उद्यान कर्मी की तैनाती की गई है।

एक बीघा में 10 हजार का आता है खर्च :

किसानों की मानें तो एक बीघा आलू उत्पाद में लगभग 10 हजार रुपये का खर्चा आता है, यह भी तब जब किसान की खुद की जमीन है। एक बीघा में 25 कुंतल आलू का उत्पादन होता है। ऐसे में 50 किलो की एक बोरी की कीमत लगभग 300 रुपये में जाकर पड़ती है।

बाजार में आलू के वर्तमान दाम :

पिछले वर्ष आलू के दाम 750 से 800 रुपये प्रति क्विंटल था। इस बार बाजार में दाम काफी कम हैं। थोक में 300 से 400 और फुटकर में 500 रुपये क्विंटल तक ही आलू बिक रहा है।

मौसम बेहतर होने से बढ़ा आलू का उत्पादन :

इस बार मौसम आलू उत्पादन के लिए बेहतर रहा। किसी तरह की बीमारी नहीं आई। सर्दी में पाला भी कम पड़ा था। इसी वजह से इस बार आलू का उत्पादन अधिक हुआ है।

क्या कहते हैं शीतगृह संचालक :

स्थिति बेकाबू हो रही है। प्रतिदिन 100 से अधिक गन्ना लदी ट्राली पहुंच रही है। शीतगृह लगभग फुल हो चुके हैं। जबकि किसान जबरदस्ती कर रहे है। ऐसे में शांतिभंग होने की संभावना बनी है। जिले के 18 में से लगभग 10 फुल होने की कारगार है। वर्ष 2019 में बंपर पैदावार के चलते इसी तरह की स्थिति बनी थी। मुकेश कुमार, मैनेजर, शीतगृह, गढ़ रोड

– जिले में आलू की खेती का क्षेत्रफल : 4400 हेक्टेयर

– जिले में निर्धारित शीतगृह की क्षमता – 1.80 लाख मीट्रिक टन

– जिले में औसत आलू उत्पादन – 1.97 लाख मीट्रिक टन

शीतगृह में किराया प्रति क्विंटल :

– सामान्य आलू- 270 रुपये

– शुगर फ्री आलू- 300 रुपये

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