खबरवाला 24 न्यूज, हापुड़
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति व पांच वर्षीय मौलाना आजाद फेलोशिप प्रतिबंधित करने का विरोध किया गया।
कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष एजाज अहमद ने ज्ञापन सौंपते हुए बताया गया कि कक्षा एक से दस तक मिलने वाली अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद, वर्ष 2022-23 से बंद कर दिया गया है।आरोप लगाया गया कि अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का एक नया तरीका है।
कांग्रेस शासन में जून 2006 में अल्पसंख्यक कल्याण के विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार ने प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता पिता से स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने एवं अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति की शुरुआत की थी। इसको बंद करने के केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि कांग्रेस सरकार में शुरू की गई पांच साल वाली मौलाना आज़ाद फेलोशिप योजना को भी केंद्र सरकार ने बंद करने का ऐलान कर दिया है, जबकि यह फेलोशिप योजना छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई ,जैन, पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी।उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बंद करने के फैसले को वापिस ना लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एम फिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वंचित हो जाएेंगे।
इस लिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच साल की फेलोशिप को बंद करने के फैसले को केंद्र सरकार को वापस लेना चाहिए। इस अवसर पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष अहजाज अहमद, इरफान अहमद ,जावेद, फिरोज खान, पोहित सिंह, आतिफ हसन, नवाब अली, फारूक अहमद, अल्ताफ हुसैन, रिजवान अहमद आदि मौजूद थे।
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