Khabarwala 24 News Hapur: Court News किशोर को कुर्कम करने के मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट उमाकान्त जिन्दल ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए 5 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।
क्या है पूरा मामला (Court News)
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि कोतवाली गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी महिला ने गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसके पति नगर निवासी राजपाल मिस्त्री के निर्माणाधीन मकान पर बेलदारी का कार्य करते थे। 21 नवंबर 2022 को उस मौहल्ले में किसी की मौत हो गयी तो उसके पति वहां काम पर नहीं गए। किसी दूसरे मिस्त्री के साथ काम पर चले गए थे।
उसका 13 वर्षीय पुत्र अपने पिता को देखने राजपाल मिस्त्री के निर्माणाधीन मकान के पास गया। जब वह वापस नहीं आया तो पीड़िता उसकी तलाश में गई। जहां उसका लड़का घबराया हुआ बैठा था। पूछने पर उसने बताया कि उसके साथ राजपाल ने उसके साथ कुकर्म किया है। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा (Court News)
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि न्यायाधीश ने राजपाल मिस्त्री को आईपीसी की धारा 377/511 के अन्तर्गत 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास से दंडित किया है। इसके साथ ही आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 9/10 के अन्तर्गत 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया जाता है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में एक माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी तथा अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में जेल में बितायी गयी अवधि वर्तमान सजावधि में समायोजित की जाए। अभियुक्त द्वारा दिए गए समस्त अर्थदण्ड की 80 प्रतिशत धनराशि पीड़ित को बतौर प्रतिकर देय होगी।
पुनर्वास के लिए बीस हजार रुपये (Court News)
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो हरेंद्र त्यागी ने बताया कि पोक्सो एक्ट के प्रावधानों के अनुसार पीड़ित “पी’ को पुनर्वास हेतु अंकन 20,000 रूपये की प्रतिकर धनराशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ द्वारा पीड़ित को देय होगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के पास फंड उपलब्ध न हो तो जिलाधिकारी, हापुड़ राज्य सरकार से धनराशि प्राप्त कर एक माह के अंदर पीड़ित” पी” को प्रदान की जाए तथा इस संबंध में न्यायालय को भी सूचित किया जाए।