Court News Khabarwala 24 Hapur News: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चैक बाउंस के एक मामले में दंपति को एक-एक वर्ष के कारावास और दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही पीड़ित को पांच लाख रुपये एक माह के भीतर देने के आदेश दिए हैं। रुपये नहीं देने पर तीन-तीन माह के साधारण कारावास की सजा का आदेश दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
वादी के अधिवक्ता नवनीत सहलौत ने बताया कि मोहल्ला चंद्रलोक कालोनी के निवासी संजय कुमार ने नगर के मोहल्ला श्रीनगर के रहने वाले विनय की भूमि को व्यवसाय करने के लिए किराये पर लिया था। इसी दौरान दोनों परिवार के बीच घरेलू संबंध बन गए। जून 2020 में विनय संजय कुमार के पास आया और उससे तीन लाख रुपये उधार ले लिए। इन रुपये को जल्द ही वापस करने का भरोसा दिया गया था।
काफी समय बाद भी जब पीड़ित को अपने रुपये वापस नहीं मिले तो उसने विनय पर तकादा करना शुरू कर दिया था। सख्ती से तकादा करने पर विनय ने 25 अगस्त 2020 को एक बैंक चैक पीड़ित को दिया। जो आरोपी विनय और उसकी पत्नी संतोष के संयुक्त खाते का चैक था। पीड़ित ने इस चैक को 29 अगस्त को बैंक में लगाया था, लेकिन एक सितंबर 2020 को चैक बिना भुगतान के वापस आ गया। जब पीड़ित को इस बात का पता लगा तो विनय की धोखाधड़ी के बारे में पता लगा। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली थी।
न्यायालय ने दंपति को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई
वादी के अधिवक्ता नवनीत सहलौत ने बताया कि अदालत ने दोषसिद्ध होने पर विनय और उसकी पत्नी संतोष को एक-एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दंपति को दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि आरोपियों को एक माह के भीतर पीड़ित संजय कुमार को पांच लाख रुपये भी देने होंगे। ऐसा नहीं करने पर उन्हें तीन-तीन माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई है।