Khabarwala24News Hapur COURT NEWS: 18 माह के बच्चे का अपहरण करने वाले चार आरोपियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष/न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने दोषी करार दिया है। प्रत्येक दोषी को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
क्या है मामला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश त्यागी ने बताया कि 14 अगस्त 2022 को जिला मुरादाबाद की तहसील छजलैट के गांव सदुपुरा निवासी राखी ने थाना गढ़मुक्तेश्वर में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़िता ने बताया था कि वह पति मित्रपाल व 18 माह के पुत्र राजकुमार के साथ ब्रजघाट क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी में रहती थी। 14 अगस्त 2022 की रात वह पति और बच्चे के साथ चारपाई पर सो रही थी। देर रात अज्ञात लोग उसके बच्चे का अपहरण कर ले गए थे।मामले में पुलिस ने अज्ञात अपहरणकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
जांच के बाद पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
जांच के दौरान पता चला था कि षड्यंत्र रचकर जिला अमरोहा के आदमपुर क्षेत्र के करनपुर खादर के रोदास उर्फ रोहताश, संभल के नखासा क्षेत्र के लखौरी जलालपुर के रिंकू उर्फ राजेंद्र, थाना संभल के कोटा पूर्वी कस्बा के विपिन कुमार, उत्तराखंड के जिला उधमसिंह नगर के थाना काशीपुर के मोहल्ला कटोरताल के वैभव व सोनी शर्मा व दो नाबालिगों ने बच्चे का अपहरण किया था। मामले में पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष/न्यायाधीश एससी/एसटी न्यायालय ने दो आरोपियों के नाबालिग होने पर उनकी फाइल किशोर न्याय बोर्ड न्यायालय में ट्रांसफर कर दी गई थी। सोमवार को मुकदमे की सुनवाई निर्णायक मोड में पहुंची। न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने सोनी शर्मा को दोष मुक्त कर दिया। जबकि, रोदास उर्फ रोहताश, रिंकू, विपिन व वैभव शर्मा को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।जबकि सभी दोषियों पर 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड जमा न करने दोषियों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।