Cyclone Biparjoy KhabarwalaH24 News New Delhi:दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान एक दिन पहले गुजरात के तट से टकराने के बाद शुक्रवार को आगे तो बढ़ गया, लेकिन पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया। नुकसान का आकलन करना अभी काफी मुश्किल है, लेकिन हर तरफ टूटे घर, उखड़े बिजली के खंभे हालात बयां कर रहे हैं। करीब छह सौ पेड़ सड़कों पर गिर गए जिन्हें हटाया जा रहा है। कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार इस पर निगाह रखे हुई थी, वहीं, एनडीआरएफ भी टीम भी अलर्ट रही।
अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल जाएगा
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है। इसके अगले 12 घंटों में ‘दबाव’ में बदलने की आशंका है। आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान दक्षिण पूर्व पाकिस्तान के ऊपर शुक्रवार रात 11.30 बजे ‘डीप डिप्रेशन’ में कमजोर हो गया। आईएमडी ने एक ट्वीट में कहा, चक्रवाती तूफान बिपारजॉय शुक्रवार रात 11.30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से लगभग 100 किमी उत्तर-पूर्व में कच्छ के ऊपर एक गहरे दबाव में कमजोर हो गया। अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल जाएगा।
कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के आठ जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया
बिपरजॉय ने राज्य में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के आठ जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, पूर्व चेतावनी सिस्टम और पुख्ता तैयारियों ने किसी तरह की जनहानि नहीं होने दी। समय रहते एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। बअधिकारियों का कहना है कि जनहानि न होना सबसे बड़ी बात है।
आपको बता दें कि 1998 में गुजरात में आए भीषण तूफान में करीब चार हजार लोगों ने जान गंवाई थी। जानकारी के अनुसार 2001 के तूफान में 100 लोग मारे गए थे। कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, भावनगर, बनासकांठा और मोरबी जिलों में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई। देवभूमि द्वारका में तो 24 घंटों के दौरान 100 से 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, बनासकांठा और पाटन समेत कई जिलों में रविवार सुबह तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। सेना और एनडीआरएफ पूरी मुस्तैदी से तैयार हैं।
राज्य के तीन राजमार्गों पर यातायात ठप
बताया गया कि सैकड़ों पेड़ उखड़ने से राज्य के तीन राजमार्गों पर यातायात ठप है। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 600 पेड़ उखड़ गए हैं। नौ पक्के और 20 कच्चे घर ढहे हैं। दो पक्के और 474 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। फूस की 65 झोपड़ी टूटी हैं।
बिजली बहाली के लिए लगीं हैं एक हजार टीमें
तूफान से राज्य की बिजली कंपनी गुजरात विज कंपनी को खासा नुकसान पहुंचा है और जगह-जगह खंभे गिरने से बिजली गुल हो गई है। बताया गया कि कम से कम 4600 गांवों में बिजली गुल हो गई थी लेकिन 3580 गांवों में आपूर्ति बहाल कर दी गई है। 1000 से अधिक टीमें विद्युत आपूर्ति बहाल करने में जुटी हैं।
बिपरजॉय के प्रभाव से पूर्वी भारत की ओर आगे बढ़ सकता है मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के प्रभाव के कारण मानसून पूर्वी भारत की ओर आगे बढ़ सकता है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर किसी भी मौसम प्रणाली के अभाव में 11 मई से मानसून की प्रगति धीमी रही है। बिपारजॉय ने दक्षिण-पश्चिम मानसून की धारा को भी प्रभावित किया है। मौसम विभाग के अनुसार बिपरजॉय के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर अंतर भूमध्यरेखीय प्रवाह में वृद्धि के चलते संभव है कि मानूसन पूर्वी भारत की ओर बढ़ने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा, बिपरजॉय के अवशेषों के उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के आसार हैं जिससे मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में रविवार को बारिश होने की संभावना है।