Dedicated Freight Corridor: Khabarwala 24 News Hapur: डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर शुक्रवार को कोयले से लदी 56 डिब्बों की मालगाड़ी का ट्रायल किया गया। बारिश के व्यवधान के कारण ट्रायल की शुरूआत एक दिन देरी से हुई। दोपहर 2.15 बजे मालगाड़ी खुर्जा न्यू स्टेशन से खतौली के लिए रवाना हुई। ट्रायल के दौरान अधिकारी पल -पल निरीक्षण करते रहे और इस दौरान किसी प्रकार की खामी सामने नहीं आई।
26 हजार करोड़ से बन रहा है डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
26 हजार करोड़ की लागत से बन रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का दो भागों में निर्माण हुआ है। पहला भाग वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जो कि दादरी से मुंबई के बंदरगाह तक बन रहा है। वहीं दूसरा भाग है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जोकि लुधियाना से कोलकाता के डालकुनी तक बन रहा है। एलएंडटी कंपनी द्वारा खुर्जा से सहारनपुर के पिलखनी तक 225 किलोमीटर में कार्य किया जा रहा है। हापुड़ के 21 किलोमीटर लंबाई में कार्य किया गया है। खुर्जा से मेरठ होते हुए सहारनपुर तक का हिस्सा एकल पटरी लाइन का है। खुर्जा से सहारनपुर के बीच लोडिंग व अनलोडिंग स्टेशन भी नहीं है।
56 डिब्बों की इलेक्ट्रिक मालगाड़ी का हुआ ट्रायल
शुक्रवार को खुर्जा से करीब सवा दो बजे कोयले से भरी 56 डिब्बों की इलेक्ट्रिक मालगाड़ी का ट्रायल शुरू हुआ। इसमें 2500 टन लोड था। बृहस्पतिवार को बरसात और मालगाड़ी मुहैया न होने के कारण ट्रायल टाल दिया गया था, जिसे शुक्रवार को पूरा किया गया। ट्रायल की निगरानी मुख्य महाप्रबंधक मेरठ अनिल कालरा ने की। इसके अलावा डिप्टी सीपीएम राकेश बब्बू, चीफ ट्रैक इंजीनियर एके वाजपेयी, चीफ सेफ्टी मैनेजर सचिन चौहान भी मौजूद रहे। खुर्जा से खतौली तक 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कोयले की मालगाड़ी दौड़ी। इससे पहले करीब 30 तरह से ट्रायल इस ट्रैक पर हो चुके थे। पहले लोको इलेक्ट्रिक इंजन और फिर मालगाड़ी के खाली डिब्बों को जोडक़र अलग अलग ट्रायल किए जा चुके हैं। खुर्जा से खतौली तक 134 किलोमीटर का सफर मालगाड़ी ने पार किया। हापुड़ तक 13 स्टेशन पार करके यह करीब 5.40 बजे पर गुजरी। इस दौरान कर्मचारी खासे उत्साहित दिखे।
फिर होगा एक मेगा ट्रायल
फ्रेट कॉरिडोर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि न्यू खुर्जा से न्यू खतौली के बीच तो ट्रैक और अन्य सारे सिस्टम सही है, लेकिन पिलखनी तक अभी फाइनल टच दिया जा रहा है। इस कारण जुलाई-अगस्त में एक बार फिर मेगा ट्रायल होगा। इससे पहले अब रेगुलर मालगाड़ी को चलाकर चेकिंग होती रहेगी। उसके बाद अक्तूबर से संचालन शुरू किये जाने का लक्ष्य है।
ट्रायल में नहीं मिली कोई खामी-
ट्रायल के दौरान किसी प्रकार की खामी प्रकाश में नहीं आयी है। देरी से शुरू होने के बावजूद इस दौरान सब कुछ ठीक रहा, जिससे टीम उत्साहित हैं।-गुरविंदर सिंह, प्रबंधक, एलएंडटी।