Khabarwala24NewsHapur:मालगाड़ियों के लिए बनाए जा रहे Dedicated freight corridor डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के लिए बिजली सप्लाई शुरू हो गई है। खुर्जा से खतौली तक बिजली चालू कर उसका ट्रायल कर लिया गया है। अब 100 किलोमीटर से अधिक लंबे मार्ग पर विद्युत से चलने वाले इंजन को दौड़ाने की तैयारी है। इसके लिए निर्माण करने वाली कंपनी ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। दो महीने के भीतर मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मालगाड़ियों से सामान जल्द पहुंचे, इसलिए केंद्र सरकार दो कारिडोर का निर्माण कार्य करा रही है। खुर्जा से सहारनपुर तक डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर बनाया जा रहा है। यह चार चरणों में बनाया जा रहा है। पहला चरण को पी वन नाम दिया गया है। जो खुर्जा से गुलावठी तक करीब 30 किलोमीटर लंबा है। गुलावठी से मेरठ को बी-वन नाम दिया गया है, जो 67.7 किलोमीटर लंबा है। इसके बाद मेरठ से खतौली को पी-टू नाम दिया गया है और चौथा खतौली से देवबंद तक का करीब 42 किलोमीटर लंबा है।
डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर Dedicated freight corridor का निर्माण एलएनटी कंपनी करा रह है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि इस समय सिर्फ मुजफ्फरनगर से सहारनपुर तक का काम अंतिम चरण में है। दो महीने के भीतर इस काम को पूरा करने का लक्ष्य कंपनी की ओर से रखा गया है। दो महीने तक ट्रैक और फीनिशिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा।
खुर्जा से खतौली तक बिजली सप्लाई का हुआ ट्रायल
एलएनटी कंपनी के अधिकारी ने बताया कि खुर्जा से खतौली तक बिजली सप्लाई का ट्रायल कर लिया गया है। अब खतौली से मुजफ्फरनगर के रोहना तक बिजली के तार जोड़ने का काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि यह काम जल्द पूरा हो जाएगा।
खुर्जा से खतौली तक विद्युत इंजन चलाने की तैयारी
एलएनटी कंपनी के अधिकारी अमित चौधरी ने बताया कि मार्च के अंत तक खुर्जा से खतौली तक विद्युत इंजन का ट्रायल कराने की तैयारी पूरी है। अब उच्चाधिकारियों को निर्णय लेना है कि यह ट्रायल कब किया जाएगा। हालांकि अभी ट्रायल की तिथि जारी नहीं हुई है। तिथि जल्द जारी होने की संभावना है।
मालगाड़ियों के अलग चलने से बढ़ेगी पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार
डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर Dedicated freight corridor के बनने और उस पर मालगाड़ियों का संचालन होने के बाद पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। अभी तक मालगाड़ियों को निकालने के चक्कर में पैसेंजर ट्रेनों को जहां-तहां खड़ा करा दिया जाता है। ऐसे में इन ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
