Khabarwala 24 News New Delhi : Devshayani Ekadashi 2024 हर साल देवशयनी एकादशी से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। भगवान विष्णु के शयन अवस्था में जाने से इस सृष्टि पर तमाम प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। पंचांग के मुताबिक, इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है. ऐसे में इस दिन से भगवान विष्णु पाताल लोक में निवास करेंगे। इसके बाद नवंबर माह में देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्र से जागेंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में…
कहां निवास करते हैं विष्णु (Devshayani Ekadashi 2024)
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। कहते हैं कि वामन अवतार में भगवान विष्णु राजा बलि से तीन पग धरती मांगकर पूरी धरती नाप दी थी। यही वजह है कि वरदान स्वरूप भगवान विष्णु राजा बलि के यहां शयन अवस्था में निवास करते हैं।
शिवजी संभालते हैं कार्यभार (Devshayani Ekadashi 2024)
जब भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के शयन अवस्था में होते हैं तो उस अवधि में संपूर्ण सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव के हाथों में होता है। तबतक भगवान शिव पृथ्वी लोक पर निवास करते हैं। यही वजह है कि चातुर्मास का पहला महीना सावन होता है। सावन मास में शिव इस सृष्टि का संचालन कैलाश पर्वत से करते हैं।
चातुर्मास दौरान क्या ना करें (Devshayani Ekadashi 2024)
भगवान विष्णु जब चार महीने के लिए पातल लोक में योगनिद्रा में होते हैं तो उस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। ऐसे में चातुर्मास के दौरान शादी, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार. सगाई, नामकरण संस्कार और गृह प्रवेश जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
यात्रा करने से परहेज करें (Devshayani Ekadashi 2024)
जो लोग चातुर्मास के दौरान व्रत रखते हैं, उन्हें इस अवधि में यात्रा करने से परहेज करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक, चातुर्मास के दौरान बैंगन, मूली, दही और साग का सेवन नहीं करना चाहिए। चातुर्मास के दौरान तामसिक खाद्य पदार्थ जैसे- लहसुन-प्याज, नॉनवेज और शराब इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।