Khabarwala 24 News New Delhi : Difference Between Hotel and Motel ठहरने की अच्छी व्यवस्था हो तो आपका ट्रिप और भी मजेदार हो जाता है। होटल के बारे में तो आप सब ने सुना होगा लेकिन जब भी हम किसी हाइवे पर यात्रा करते हैं तो आपको कई जगह Motel भी मिलते हैंलेकिन क्या आप जानते हैं Hotel और Motel में आखिर क्या अंतर होता है। चलिए आपको बताते हैं। दरअसल Hotel और Motel दोनों ही लोगों को ठहरने की सुविधा देते हैं लेकिन जितना बारीक अंतर आपको इनके नामों में नजर आएगा। उतना ही अंतर आपको इनके काम में भी नजर आएगा. आइए जानते हैं दोनों के बीच के असली फर्क क्या है…
1. लोकेशन (Difference Between Hotel and Motel)
होटल आमतौर पर शहरों, पर्यटन स्थलों या बिजनेस सेंटर्स के बीच स्थित होते हैं। अगर आपको किसी शहर को घूमना हो, तो आपको ठहरने के लिए वहां होटल मिलेंगे, मोटल नहीं। मोटल का मतलब मोटर लॉज से है. यानी ऐसी जगह जहां आपके साथ-साथ आपके वाहने को भी पार्क करने की सही सुविधा मिले। होटल आमतौर पर शहरों, पर्यटन स्थलों या बिजनेस सेंटर्स के बीच स्थित होते हैं।
2. फेसेलिटी और सर्विस (Difference Between Hotel and Motel)
होटल में जहां आपको कई तरह की लग्जरी सुविधाएं मिल जाएगी। वहीं मोटल आपको रात गुजारने के लिए या कहें बेसिक सुविधाएं ही उपलब्ध कराता है। होटल में रेस्तरां, पूल, स्पा, जिम, बिजनेस सेंटर या रूम सर्विस जैसी सुविधाएं मिलती हैं। मोटल में साधारण सुविधाएं होती हैं, जैसे कि बेसिक कमरे, मुफ्त पार्किंग और नाश्ते की सुविधा। मोटल का कॉन्सेप्ट पुराने समय की ‘सराय’ से बना है, जो यात्रा करने वाले यात्रियों को रात में ठहरने की सुविधा देते थे।
3. रुकने का समय (Difference Between Hotel and Motel)
होटल में अक्सर हम लंबे समय के लिए रुक सकते हैं। जब भी आप किसी शहर को घूमने जाएं, या बिजनेस मीटिंग पर जाएं तो आप होटल ही चुनते हैं जबकि Motel मुख्यत: ट्रांज़िट के लिए होते हैं, जहां लोग अपने ट्रैवल के दौरान एक रात या दो रात के लिए ठहरते हैं। Motel मुख्यत: ट्रांज़िट के लिए होते हैं, जहां लोग अपने ट्रैवल के दौरान एक रात या दो रात के लिए ठहरते हैं।
4. बजट (Difference Between Hotel and Motel)
Hotel के कमरे में आपको काफी लग्जरी मिलती है, इसलिए अक्सर उनका किराया काफी ज्यादा होता है जबकि Motel के कमरे अपेक्षाकृत आपको कम कीमत में मिलते हैं। इसका उद्देश्य बजट-फ्रेंडली ऑप्शन देना है. दरअसल होटल की डिजाइन और आर्किटेक्चर में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि इसमें ठहरने पर आपको आरामदायक और लग्ज़री अनुभव मिल सके जबकि वहीं मोटल शहर के बीच नहीं बल्कि आमतौर पर हाईवे या मुख्य सड़कों पर बने होते हैं।