Earthquake Khabarwala 24 News New Delhi: दिल्ली-NCR में रविवार को भूकंप Earthquake के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नोएडा, हापुड़ और गाजियाबाद में रविवार को धरती हिली है। उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया है यह झटके करीब 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए। इससे पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी। भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा है।
भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। भूकंप को लेकर सोशल मीडिया पर लोग एक दूसरे को जानकारी देने लगे। हालांकि भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं आई है। रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में ही थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे.
भूकंप क्यों आता है
आपको बता दें कि धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है। जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं।
भूंकप के केंद्र और तीव्रता का क्या है मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।