Khabarwala 24 News New Delhi: Earthquake In Japan जापान की धरती एक बार फिर भीषण भूकंप से दहली है। नए साल पर वहां 7.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। भूकंप के बाद समुद्र का जलस्तर डेंजर लेवल तक पहुंच गया है। लोगों से घर खाली करने की तक अपील की गई है।
चेतावनी जारी की (Earthquake In Japan)
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के मुताबिक शक्तिशाली भूकंप के झटके पश्चिमी जापान के इशिकावा प्रांत में महसूस किए गए. जापान के एनएचके ब्रॉडकास्टर ने बताया कि जापान सागर तट के साथ निगाटा, टोयामा, यामागाटा, फुकुई और ह्योगो प्रान्त में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विभाग से जुड़े जापानी अधिकारियों के अनुसार सुनामी के कारण समुद्र की लहरें 5 मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं। इसलिए लोगों से जितनी जल्दी हो सके ऊंची भूमि या पास की किसी बिल्डिंग की चोटी पर भागने का आग्रह किया गया है।
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक? (Earthquake In Japan)
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है
भूकंप कितने प्रकार के होते हैं (Earthquake In Japan)
भूकंपों के चार प्रकार होते हैं. पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earhquake) यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं। जैसे सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना। बांधों के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं।
दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earhquake) यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं। यह भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं। तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earhquake) यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं। जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं। चौथा है एक्सप्लोसन अर्थक्वेक (Explosion Earhquake) इस तरह के भूकंप के झटके किसी परमाणु विस्फोट या रासायनिक विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं।