Khabarwala 24 News New Delhi : Eighth Day of Navratri चैत्र नवरात्रि पर आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होने कठोर पूजा की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तब उनकी कृपा से शरीर अत्यंत गौर हो गया और इनका नाम गौरी हो गया। मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण में इनकी पूजा अचूक होती है। ज्योतिष में इनका संबंध शुक्र नामक ग्रह से माना जाता है। महाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर माता की विधिवत पूजा करें और माता रानी का पाठ करें। अष्टमी के दिन मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है इस दिन देवी मां के नौ रूपों की पूजा होती है। इस दिन चालीसा, मंत्र व दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी लाभकारी माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है।
विधिवत करें मां गौरी की पूजा | Eighth Day of Navratri
पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें। मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें। पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें। उसके बाद इनके मंत्रों का जाप करें। अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाए तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे। मां की उपासना सफ़ेद वस्त्र धारण करके करें। मां को सफ़ेद फूल और सफ़ेद मिठाई अर्पित करें। साथ में मां को इत्र भी अर्पित करें। माता की पूजा से मनचाहा विवाह हो जाता है। साथ ही शुक्र से संबंधित समस्याएं भी हल होती हैं। अगर किसी बालिका का विवाह न हो पा रहा हो तो अष्टमी तिथि को मां दुर्गा को पीली साड़ी और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें। इससे आपका विवाह शीघ्र सम्पन्न हो सकेगा।
कन्या पूजन का महत्व व नियम | Eighth Day of Navratri
नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है। यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है, इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है। हालांकि नवरात्रि में हर दिन कन्याओं के पूजा की परंपरा है, परन्तु अष्टमी और नवमी को अवश्य ही पूजा की जाती है। 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया गया है। अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग अलग रूप को बताती है। कुछ भक्त इस दिन कन्या पूजन करते हैं ऐसा करने से व्रत पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और कष्टों का भी समाधान हो जाता है।
भूलकर भी ना करें ये गलतियां | Eighth Day of Navratri
बता दें कि इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। इस दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। अगर आपने व्रत नहीं भी किया है तो भी इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा जरूर करें। अष्टमी के दिन हवन के बिना पूजा पूरी नहीं होती है ऐसे में हवन जरूर कराएं और हवन करते वक्त आहुति का भी ध्यान रखें। हवन करते वक्त इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हवन सामग्री कुंड से बाहर ना आए। माता रानी की पूजा के समय अपने मन को शांत रखें और भक्ति भाव से देवी आराधना करें तभी आपको पूजा का फल मिलेगा।
राशिनुसार करें इन मंत्रों का जाप | Eighth Day of Navratri
यह भी ध्यान रखें : मंत्रों का जाप स्नान करने के बाद, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए। मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। मंत्रों का जाप करते समय एकाग्रता बनाए रखें। महा अष्टमी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
मेष राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विचचे नमः
वृषभ राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ यं यं देवी चंडिका देवी नमः
मिथुन राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ऐं ह्रीं क्लीं त्रिपुर सुंदरीये नमः
कर्क राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनी नमः
सिंह राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः
कन्या राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नमः
तुला राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः
वृश्चिक राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मी नमः
धनु राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वती नमः
मकर राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दुर्गा देव्यै नमः
कुंभ राशि : Eighth Day of Navratri मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं अन्नपूर्णा देव्यै नमः
मीन राशि : मंत्र: ॐ ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं भगवती देव्यै नमः