Khabarwala 24 News New Delhi : Ekadashi पौष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी सफला एकादशी के नाम से जानी जाती है. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने पर भगवान विष्णु विशेष कृपा करते हैं और सुख समृद्धि की कमी नहीं रहती है. अंग्रेजी कैलेंडर के नये साल की पहली एकादशी 7 जनवरी को है. हिंदू पंचांग के अनुसार सफला एकादशी पूस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. यह तिथि 7 जनवरी को रात 12.41 बजे (यानी 6 जनवरी की रात) को शुरू हो रही है और यह तिथि 8 जनवरी को रात 12.46 बजे संपन्न हो रही है इसलिए उदयातिथि में 7 जनवरी को सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार सफला एकादशी व्रत पारण का समय 8 जनवरी को सुबह 7.15 बजे से सुबह 9.20 मिनट तक है।
सफला एकादशी का महत्व (Ekadashi)
सफला एकादशी के मंगलकारी व्रत को पूरे विधि विधान से करने से मनुष्य को मृत्यु के बाद विष्णु लोक की प्राप्ति होती है और इस जीवन में सभी सुख सुविधापूर्ण जीवन जीने का मौका मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सफला एकादशी के दिन भगवान के अच्युत स्वरूप, श्रीहरि स्वरूप का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि सफला एकादशी की रात जागरण से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
सफला एकादशी पूजन विधि (Ekadashi)
सफला एकादशी के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान अच्युत और भगवान विष्णु को धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित कर पूजा करें. नारियल, सुपारी, आंवला, अनार और लौंग आदि जरूर अर्पित करें. रात जागरण कर श्री हरि के नाम के नाम का कीर्तन करें. अगले दिन फिर पूजा पाठ कर किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कर सफला एकादशी की कथा सुनें।
