Khabarwala 24 News New Delhi : Fighter Planes Engine भारत अब लगातार अपनी सैन्य शक्ति में इजाफा कर रहा है। भारत अब अपने घर में ही सैन्य उपकरण तैयार कर रहा है ताकि दुनिया का मुंह ना ताकना पड़े। अब लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होने वाले ‘जीई-414’ इंजन अब भारत में बनाए जाएंगे। यह एक टर्बोफैन इंजन है, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना और कई देशों के फाइटर जेट्स में किया जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को तिरुवनंतपुरम में कहा कि यह देश की इंजन निर्माण क्षमता में शानदार प्रगति का प्रतीक है।
भारत में बनेंगे फाइटर जेट्स के इंजन (Fighter Planes Engine)
अपनी हाल की अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी अमेरिकी रक्षा कंपनियों के साथ चर्चा हुई और वे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्साहित हैं। कहा कि पहले भारत दुनिया के देशों से हथियार और सैन्य साजोसामान खरीदता था लेकिन अब वक्त बदला है। जीई-414 इंजन अब भारत में बनाए जाएंगे। अब 65 प्रतिशत निर्माण भारत की धरती पर किया जा रहा है और केवल 35 प्रतिशत आयात किया जा रहा है।
डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में भारत का डंका (Fighter Planes Engine)
सालाना रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इस वित्त वर्ष में इसे 1.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। विश्वास जताया कि रक्षा मंत्रालय 2029 तक तीन लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। आज हम भारत में बने रक्षा उपकरणों का निर्यात भी कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ तक ले जाना है।
सेना में महिलाओं की एंट्री की रुकावटें दूर (Fighter Planes Engine)
सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर सिंह ने कहा कि सेना में महिलाओं की एंट्री की तमाम रुकावटें दूर कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन की अनुमति दी गई है। सबसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में से एक, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी को भी महिलाओं के लिए खोल दिया गया है। हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है।