खबरवाला 24 न्यूज, पिलखुवा (उत्तर प्रदेश) :पिलखुवा के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी (इओ) सहित पांच लोगों के खिलाफ फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने और शिकायत होने पर निरस्त करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई है। तत्कालीन अधिशासी अधिकारी वर्तमान में आगरा में उप नगरायुक्त के पद पर तैनात हैं।
मोहल्ला राणा पट्टी की रहने वाली महिला पूनम का कहना है कि वह अपने पिता की दो संतान थी। भाई मिथुन की सामान्य रूप से घर में मृत्यु में हो गई थी। पूनम का कहना है कि उनके दादा ने अपनी समस्त पौत्र के नाम कर दी थी। दादा की वर्ष 1999 में मृत्यु हो गई। इसके बाद डबरिया मोहल्ले में रहने वाले भागमल ने पड़यंत्र रचा। परिवार के सभी सदस्यों का नाम वारिसाने में चढ़ाते हुए पिता से अपने नाम पावर आफ अटर्नी करा ली गई और भागमल ने जमीन का बैनामा अपनी पत्नी लज्जावती के नाम कर दिया।दादा द्वारा की गई पावर आफ अटर्नी रजिस्टर्ड थी। इसीलिए भागमल की पत्नी के नाम दाखिल खारिज न हो सका।
इसके बाद भागमल के पुत्र जितेंद्र ने महिला के भाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र सुशील तोमर और पालिका के अधिकारियों, कर्मियों से मिलकर बनवाया। चार अप्रैल 2022 को फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ। जिसकी भनक लगने पर पीड़िता पूनम ने कई जगह शिकायत की। जिस पर 31 अगस्त 2022 को मृत्यु प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया। पीड़िता ने इस बावत कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई।
थाना प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि मामले में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी विकास सेन वर्तमान में उप नगरायुक्त आगरा, सभासद सुशील तोमर, पालिका के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक अवधेश यादव, सफाई नायक और डबरिया मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।