Khabarwala 24 News New Delhi : Foundation Day of BJP भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है। छह अप्रैल 1980 को स्थापित भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाने की तैयारियां जोर-शोर से कर रही है। साल 2014 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर लोकसभा चुनाव जीता था। तब भाजपा के सदस्यों की संख्या लगभग पांच-छह करोड़ थी। सवाल उठता है कि भाजपा ने कौन से फैसले लिए, जिसने इसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया? आइए जानने की कोशिश करते हैं…
मोदी PM उम्मीदवार व अमित शाह अध्यक्ष (Foundation Day of BJP)
2014 और 2019 के मुकाबले साल 2024 के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन भले ही खराब रहा हो पर इतने सालों से पार्टी का स्वर्णिम काल चल रहा है। भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाने की जिन फैसलों की अहम भूमिका रही, उनमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना और जीतने के बाद मोदी के सिपहसालार अमित शाह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना था।
फैसले की छूट मिली, निराश नहीं किया (Foundation Day of BJP)
अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी थी। साल 2015 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ ही शाह ने पार्टी की नीतियों में फेरबदल कर इसे उसी साल सदस्य संख्या के आधार पर दुनिया की सबसे पार्टी बना दिया। चूंकि लोकसभा में भाजपा को अप्रत्याशित जीत मिली थी। ऐसे में अमित शाह को खुलकर फैसले की छूट मिली और उन्होंने निराश भी नहीं किया।
पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत (Foundation Day of BJP)
अमित शाह ने भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद जो पहला सबसे बड़ा काम शुरू किया। वह था पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करना। वास्तव में यह पहला मौका था जब भाजपा को सीधे-सीधे जनता से जोड़ने का प्रयास व्यापक स्तर पर किया। भाजपा की उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि चीन में केवल एक पार्टी है, जबकि भारत में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली है। यहां कई सारी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय पार्टियां हैं। उनके बीच पैठ बनाने में कामयाबी मिली।
तकनीक से सदस्यता अभियान को धार (Foundation Day of BJP)
भारतीय जनता पार्टी ने तकनीक की ताकत समझी और इसका भरपूर इस्तेमाल किया। तकनीक ही थी, जिसके इस्तेमाल से सदस्यता अभियान को धार मिली और सदस्यों का पुष्टीकरण संभव हुआ। लोग घर बैठे मोबाइल के जरिए इसके सदस्य बन सकते हैं। इसके लिए भाजपा की वेबसाइट पर जाकर एक फॉर्म भर कर मोबाइल नंबर देना होता है। दूसरा तरीका इससे भी आसान है। पार्टी के टोल फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल देकर कोई भी सदस्य बन सकता है।
बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल (Foundation Day of BJP)
केवल सदस्यता अभियान ही नहीं, पार्टी की प्रबंधन क्षमता और जवाबदेही तय करने के लिए भी भाजपा ने बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया। अंदरूनी बैठकों के लिए पार्टी ने ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल किया। आपसी बातचीत के लिए व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाए। सभी नए-पुराने सदस्यों के फोन नंबरों की लिस्टिंग आदि की गई। अपनी बात जन-जन पहुंचाने के लिए भाजपा ने सोशल मीडिया का जमकर बेहतरीन इस्तेमाल किया। इससे भी लोग आकर्षित हुए।
सोशल इंजीनियरिंग का ही इस्तेमाल (Foundation Day of BJP)
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने भाजपा के परंपरागत वोट बैंक को बढ़ावा देने के लिए राज्यवार सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर जोर दिया। राम मंदिर आंदोलन से मिली पहचान को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जोड़कर देश-दुनिया में प्रचार-प्रसार किया। जिस भी राज्य में कोई चुनाव सामने पड़ा। उस पर बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेताओं ने जोर लगाया। नतीजा यह हुआ कि पार्टी को वोट तो मिले ही सदस्य जोड़ने में भी कामयाबी मिलती रही।
संगठन की मजबूती पर दिया ध्यान (Foundation Day of BJP)
भाजपा ने अपने विस्तार के लिए संगठन में मजबूती के लिए भी कई स्तरों पर काम किया। सबसे पहले बाहरी संगठन को चुस्त-दुरुस्त और मुस्तैद किया। पार्टी में किसी तरह की आपसी कलह या मतभेद आमतौर पर उजागर नहीं हुए फिर निचले स्तर पर संगठन का पुनर्गठन किया। पार्टी में काम और अधिकार का विकेंद्रीकरण किया। स्थानीय कार्यकर्ताओं को अधिकार दिए गए। पार्टी में हाशिए पर रहे समुदायों के लोगों को संगठन के हर स्तर पर अधिक प्रतिनिधित्व दिया।